जानिए कौन हैं जम्मू-कश्मीर के नये उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
शिवानी रज़वारिया
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के नये उपराज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। बुधवार को गिरीश चंद्र मूर्मू ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया है जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया है जिसके बाद मनोज सिन्हा को इस पद का कार्यभार संभालने की कमान सौंपी गई है। वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। उनका राजनीतिक सफर काफी रोमांचक भरा है। बीजेपी नेता मनोज सिन्हा बीएचयू के छात्र संघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय कर चुके है।
मनोज सिन्हा का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहनपुरा गांव में एक किसान परिवार में 1 जुलाई 1959 को हुआ था। मनोज सिन्हा ने छात्र अवस्था से ही सियासत में रुचि लेनी शुरू कर दी थी। शुरुआती पढ़ाई गांव के प्राथमिक विद्यालय से करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बीएचयू की ओर रुख किया। बनारस से ही उन्होंने आईआईटी की पढ़ाई की और यहीं से छात्र राजनीति से राजनीति में अपने कदम जमाने लगे। 1982 में बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी निर्वाचित किया गए। अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद मनोज सिन्हा को कई नौकरी के ऑफर आए, लेकिन उन्होंने तो राजनीति में अपना करियर चुन लिया था और इसके बाद उन्होंने कभी पलट कर किसी दूसरे करियर क्षेत्र की ओर रुख नहीं किया।
भाजपा में सफ़र
सन् 1989 से 1996 तक मनोज सिन्हा भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे हैं। 1996 में उन्होंने पहली बार गाजीपुर सीट से चुनाव जीता और लोकसभा पहुंचे, पर इसके बाद 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि, 13 महीने के बाद जब दोबारा 1999 में चुनाव हुआ तो दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद करीब 15 साल एक लंबे समय अंतराल तक चुनाव में अपने नाम जीत दर्ज नहीं कर पाए।
नरेंद्र मोदी के केंद्रीय राजनीतिक में आने के बाद मनोज सिन्हा ने सियासी बुलंदी को छुआ। 2014 लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा ने तीसरी बार मोदी लहर के साथ संसद में प्रवेश किया। मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे। इस बीच उनको रेल मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में हार जाने के बाद से सियासी अखाड़े से दूर दिखने लगे।
तीन दशक के राजनीतिक सफर में कई बार हार का सामना करने वाले मनोज सिन्हा ने हर बार एक जबरदस्त वापसी की है। सन 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मनोज सिन्हा का नाम मुख्यमंत्री के प्रमुख दावेदारों में शामिल था, लेकिन सरताज योगी आदित्यनाथ बने। अब उन्होंने फिर एक बार ज़बरदस्त वापसी की है जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के तौर पर उनकी ये नई पारी शानदार होगी।