उत्तरी सेना के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा, फिंगर 8 से चीनी सेना का पीछे हटना बड़ी सफलता
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्लीः भारत-चीन के विवादित सीमा विवाद के समाधान को लेकर हुई बातचीत के बाद फिंगर एरिया से चीनी सेना ने अपने सैनिकों और बंकर्स के साथ साथ मिसाइल बेस और तोपखाने को हटाने का काम शुरू कर दिया है। चीनी सैनिकों के वापस जाने का विडिओ भारतीय सेना की ओर से भी जारी किए गए हैं। इसी बीच उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने चीन के पीछे हटने को भारत की बड़ी सफलता करार दिया है।
उन्होंने एक अखबार को ईमेल के जरिए दिए इंटरव्यू में कहा है कि “पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर 8 पर भारतीय क्लेम लाइन से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पीछे भारत के लिए एक बड़ी सफलता है।”
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी का कहना है कि भारत की ओर से फिंगर्स 4 और 8 के बीच नो-पैट्रोलिंग बफर जोन को स्वीकार कर इसे गंवाने को लेकर गलत धारणा बनाई गई थी। उनका कहना है कि ‘फिंगर 8 पर हमारी ओर से दावा किए गए जमीन पर अब PLA वापस हट रही है, इसके साथ ही अप्रैल 2020 के बाद किए सभी निर्माण को उन्हें गिराना होगा। यह हमारे लिए एक बड़ी सफलता है।’
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि, “पहले चीनी सेना फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच इस क्षेत्र को खाली करने के लिए स्वीकार नहीं कर रहा था, लेकिन 29 से 30 अगस्त के बीच हुई बातचीत के बाद उन्हें हमारी शर्तों के बातचीत करने के लिए मजबूर किया गया था।”
उन्होंने कहा कि ‘हम रेचिन ला और रेजांग ला में टैंक रखने में सक्षम थे जो पहले अकल्पनीय था। इसने पीएलए को बातचीत के लिए काफी दबाव बनाने में मदद की।”
उन्होंने बताया कि, “प्रत्येक दिन दो बार हम फ्लैग मीटिंग के दौरान डिसइंगेजमेंट की हर कार्रवाई की जांच और इसकी पुष्टि कर रहे हैं। जिससे की किसी भी तरह का संदेह और कोई गलती की गुंजाइस नहीं रहे। उनका कहना है कि PLA इस कार्य में उद्देश्य की ईमानदारी पर दिखा रहा है। उनका कहना है कि दोनों पक्ष डिसइंगेजमेंट के लिए चार-चरणीय योजना का पालन कर रहे हैं।”