झारखण्ड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में मैथिली को शामिल करने लिए दिया गया ज्ञापन

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: झारखण्ड कैबिनेट ने झारखण्ड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के लिए कुल 12 क्षेत्रीय जनजातीय भाषाओं को शामिल किया है। वर्तमान में राज्य में 17 भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। जिनमे द्वितीय चरण में द्वितीय राजभाषा की मान्यता प्राप्त करने वाले भाषाओं में मैथिली, मगही, भोजपुरी, अंगिका एवम भूमिज को शामिल नही किया गया है, जबकि झारखंड राज्य के 12 जिलों में मैथिली बोली जाती है। यह मैथिली भाषियों के लिए अत्यंत दुखद है। इस कारण बड़ी जनसंख्या इस नियोजन लाभ से वंचित रह जाने वाली है बावजूद इसके कि राज्य से मैट्रिक, इंटर की परीक्षाएं उत्तीर्ण हों या कई पीढियां यहां निवास कर चुकी हों। ज्ञातव्य हो कि केंद्र सरकार ने मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में 2003 में शामिल कर लिया था।

ललित नारायण मिश्र सांस्कृतिक एवम सामाजिक कल्याण समिति द्वारा इस मुद्दे पर एक ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय में समर्पित किया गया। महासचिव शंकर कुमार पाठक की अगुआई में संस्था के प्रतिनिधियों में राजीव ठाकुर, विक्रम आदित्य सिंह, पंकज कुमार राय, सुबोध झा, गोपाल जी चौधरी सम्मिलित थे।

इस ज्ञापन में शहर की दो अन्य संस्थाओं मिथिला सांस्कृतिक परिषद एवम अंतर्रराष्ट्रीय मैथिली परिषद ने भी शिरकत की। इनमें ललन चौधरी, धर्मेश कुमार झा, पंकज झा राजेश झा ,शिशिर कुमार झा आदि उपस्थित रहे।

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