पैसा और गोल है क्राई बेबी की खुराक!
राजेंद्र सजवान
पुर्तगाल के सुपर स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो फुटबाल इतिहास के उस मुकाम को हासिल कर चुके हैं , जिसे पाने के लिए दुनिया के वर्तमान खिलाड़ियों और भावी प्रतिभावों को सालों साल कड़ी मेहनत और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मैनचेस्टर यूनाइटेड, रियाल मेड्रिड और अब युवेंट्स के लिए रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन करने वाले रोनाल्डो ने हाल ही में पेले महान के सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय गोल जमाने के रिकार्ड को पीछे छोड़ा है।
रोनाल्डो की उपलब्धियों का बखान करने के पीछे बड़ा कारण यह है, क्योंकि उनके चाहने वालों में करोड़ों भारतीय फुटबाल प्रेमी भी शामिल हैं। सिर्फ भारत में ही उनके दीवानों की संख्या सुनील छेत्री के प्रशंसकों से कई गुना अधिक है।
गोल मशीन के नाम से विख्यात रोनाल्डो ने इटेलियन लीग में 757 वां गोल जमाने के साथ ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले को पीछे छोड़ा। अब वह विश्व के नंबर एक गोल स्कोरर बन चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले ही उन्हें सदी का श्रेष्ठ खिलाड़ी आंका गया था। इस दौड़ में उन्होंने अर्जेंटीना के महान खिलाड़ी ल्योन मेस्सी को पीछे छोड़ा था। भले ही मेस्सी बार्सिलोना के सुपर स्कोरर हैं और एक ही क्लब के लिए खेलने और सर्वाधिक गोल जमाने के रिकार्ड बनाते बिगाड़ते आये हैं लेकिन रोनाल्डो ऐसे अकेले खिलाड़ी हैं जिसने अलग अलग क्लब और साथी खिलाड़ियों के साथ मिल कर गोलों की झड़ी लगाई है।
वर्तमान फुटबाल के सबसे महंगे खिलाड़ियों में शामिल रोनाल्डो को कड़ी टक्कर देने बाले मेस्सी और नेमार जूनियर के लिए रोनाल्डो का हर अगला मैच और गोल एक नई चुनौती होगा। नेमार अभी मीलों दूर हैं,जबकि मेस्सी टक्कर दे रहे हैं। सर्वाधिक गोल, सबसे ज्यादा हैट ट्रिक और कई अन्य रिकार्ड कायम करने वाले इस महान खिलाड़ी के बारे में कहा जाता है कि जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ रही है वह गोल जमाने में परिपक्व हो रहा है।
रोनाल्डो के नारे में कहा जाता है कि वह गोलों का भूखा है और कोई भी गोल जमाने का मौका चूकना नहीं चाहता। फिर चाहे विश्व रिकार्ड के साथ लगाए स्पॉट जम्प से या बाईसाइकल वॉली से दर्शनीय गोल करना हो, रक्षा घेरे को चकमा देते हुए गोल भेदना हो या पेनल्टी स्पॉट से गोल जमाना हो, रोनाल्डो हर विधा में माहिर है। उनके गोल जमाने का सिलसिला कब थमेगा, कब तक खेलते रहेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। खुद रोनाल्डो कह रहे हैं कि वह आज भी पहले जैसे फिट हैं और फिलहाल सन्यास के बारे में नहीं सोच रहे। लगातार ऊंचा होता गोलों का पहाड़ बताता है कि वह अपनी भूमिका किस कदर कामयाबी के साथ निभा रहे हैं।
अक्सर फुटबाल जानकार यह भी कहते हैं कि रोनाल्डो बहुत अकड़ू हैं और उनके चेहरे की हंसी तब ही नज़र आती है जब गोल जमा लेते हैं। ऐसा स्वाभाविक है क्योंकि उन पर टीम को जीत दिलाने का दारोमदार जो रहता है। जीत तब ही संभव है जब अधिकाधिक गोल जमाएंगे। सच्चाई यह है कि उनके गुस्सैल होने का प्रमाण उनकी मां ने ही दिया है। माँ ने उन्हें “क्राई बेबी” नाम इसलिए दिया था क्योंकि बचपन से ही बहुत गुस्सा करते थे। एक बार तो अपनी टीचर पर कुर्सी फेंक मारी थी।
लेकिन इस महान फुटबाल खिलाड़ी के चरित्र का दूसरा पहलू बेहद खूबसूरत है। वह एक सफल व्यापारी, नेक इंसान और समाजसेवक भी है। अपनी अरबों की कमाई का बड़ा हिस्सा जरूरतमंदों में बांटना उसे भाता है। अपना पहला मैच पुर्तगाल के स्पोर्टिंग लिस्बन के लिए खेलने वाले इस महान खिलाड़ी का नाम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रेगन के नाम पर रखा गया था। उसने साबित कर दिया है कि लोकप्रियता के मामले में वह रेगन से भी आगे निकल गया है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं.)