ना कोरोना,ना स्पेनिश फ्लू, ये हैं सबसे जानलेवा वायरस
दिव्यांश यादव
नई दिल्ली: कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी के साथ बढ़ रहा है,जब ठंड का अंत हो रहा था,मौसम बदल रहा था तब नए नए दावे सामने आ रहे थे, कोई ये कहता कि कोरोना का संक्रमण गर्मी में ख़तम हो जाएगा और कोई ये कहता कि कोरोना वायरस जल्द ही निपट जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। दरअसल इन दिनों दुनियाभर में कोरोना वायरस के नाम से ही लोग परेशान है, लेकिन क्या आपको ये पता है कि एक ऐसा भी वायरस है जो कोरोना से भी कई गुना जानलेवा है, ये ऐसा वायरस है जिसने 90 फीसदी संक्रमित लोगों को मार दिया था।
ये ना तो स्पेनिश फ्लू है, ना हंता है और ना ही इबोला वायरस है। दरअसल इसका नाम मारबूर्ग वायरस है। इसे दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस कहा जाता है। अब सवाल ये उठता है कि किसी वायरस का नाम मारबुर्ग कैसे पड़ा है?
इस वायरस का नाम जर्मनी के मारबुर्ग शहर के नाम पर पड़ा है। यह साल 1967 में इसके सबसे ज्यादा मामले देखे गए थे। इस वायरस के बारे में ये कहा जाता था कि यदि इसकी चपेट में कोई आ गया तो उसकी मौत निश्चित है। उस दौरान इस वायरस का शिकार हुए 90 फीसदी लोगों की मौत हो गई है। अब आप सोचिए ये कितना ख़तरनाक वायरस है!
दुनिया में करीब 3 लाख 20 हजार तरह के वायरस हैं, जो मेमल्स को इंफेक्ट कर सकते हैं। मेमल्स यानी स्तनधारी जीव। इनमें से सबसे खतरनाक वायरस हर साल दुनियाभर में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों की जान ले लेते हैं। लेकिन इस वायरस ने उस समय ऐसी महामारी लाई की शहर के शहर खाली हो गए,जी हां उस समय के हालात बेकाबू हो गए और लेकिन ये धीरे धीरे ख़तम होता गया।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसे फैलता है। दरअसल ये चमगादड़ से ही फैलता है, लक्षण इसके बिल्कुल कोरोना जैसे है। अब आप सोचिए आख़िर कोरोना की जगह इसने दस्तक दी होती भारत में तो क्या हालात होते ?