ओम नाथ सूद मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट: भूली बिसरी यादों का लेखा जोखा  

वीरेंदर सहवाग और आशीष नेहरा ओम नाथ सूद मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट में पुरस्कार लेते हुए

प्रमोद सूद

ओम नाथ सूद मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट (1988 – 2019) की भूली बिसरी यादों का कुल लेखा जोखा (खाका) एक गुलदस्ते के रूप में मैंने पेश करने का प्रयास किया है। दोस्तों, मैंने कोरोनावायरस की इस दुख की घड़ी में घर रहते हुए आप सभी को क्रिकेट से जोड़े रखने का प्रयास किया है। जैसे कि आप सभी भली भांति जानते हैं कि इस वर्ष Covid -19 के कारण 30वां अखिल भारतीय ओम नाथ सूद मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट जो कि 29 मार्च को राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर, पीतमपुरा में शुरु होना था, लेकिन Covid -19 के कारण शुरु न हो सका।

इस बात को ध्यान में रखते हुए कि आप भी कई दिनों से घर में हैं, और ऐसे समय में मैंने यह मात्र कोशिश भर करने का प्रयास किया कि क्यूं न किसी तरह से आप को 1988 से रानी बाग़ के रेलवे मैदान से आधी मैटिंग से शुरु हुए ओम नाथ सूद मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट की यादों से रूबरू करवाया जाए। यह टूर्नामेंट 1988 के मई महीने में शुरु हुआ था। 1988 के मात्र तीन मैचों की प्रैस कवरेज व 1989 के फाइनल मैच की प्रैस कवरेज मेरे पास मौजूद है।1989 का फाइनल मैच गोस्वामी गणेश दत्त क्रिकेट क्लब व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मध्य खेला गया (जिसका जिक्र पहले के लेखों में नहीं हुआ था) जिसे गोस्वामी गणेश दत्त क्रिकेट क्लब ने चार विकेट से जीता था। पहले खेलते हुए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने निर्धारित 40 ओवरों में आठ विकेट पर 182 रन बनाए।

इस में सपन मल्होत्रा ने 35, छत्तर सिंह ने 25 रन बनाए। प्रीतम निरंकारी ने 45 रनों पर तीन विकेट लिए। गोस्वामी गणेश दत्त क्रिकेट क्लब ने 38 ओवरों में छह विकेट खो कर 184 रन बनाकर लक्ष्य को पा लिया। इसमें सर्वेश भटनागर के 56 गेंदों पर एक छक्के व दस चौकों की मदद से बनाए गए तेज तर्रार 80 रन, विनीत लाल के 45 व मोहित शर्मा के 30 रन शामिल हैं। सेंट्रल बैंक के बंटू सिंह को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, रानी बाग़ क्रिकेट क्लब के जय प्रकाश को सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज व सर्वेश भटनागर को मैन ऑफ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद किसी कारणवश 1990,1991 व 1992 (तीन वर्षों ) तक यह टूर्नामेंट न हो सका।1993 से फिर से इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई। लेकिन इस टूर्नामेंट की प्रैस कवरेज व स्कोर बुक उपलब्ध नहीं है। और उस के बाद 1994 से 2019 तक सभी मैचों की स्कोर बुक व प्रैस कवरेज आज भी उपलब्ध है।

लगभग 32 वर्षों के इस लम्बे सफर में (उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक) कुल 605 मैच खेले गए, इसमें कुल 233884 (दो लाख, तेत्तिस हजार, आठ सौ चौरासी) रन बने, कुल 9244 खिलाड़ी आउट हुए, 42706 ओवर्स फैंके गए, 20290 चौके व 3762 छक्के लगे। इस दौरान 150 शतक, 953 अर्धशतक बने। इस के अतिरिक्त 4 खिलाड़ी 99 रन पर, 41 खिलाड़ी नर्वस नाइंटीज के शिकार हुए, 36 खिलाड़ी 49 के स्कोर पर आउट हुए व 1138 खिलाड़ी अपना खाता भी नहीं खोल पाए।

भारतीय टीम में खेलने वाले 50 से खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में भाग लिया। इस दौरान भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले विराट कोहली व भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले रमन लांबा, विरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर, शिखर धवन आशीष नेहरा, ईशांत शर्मा, विजय दहिया, निखिल चोपड़ा, आकाश चोपड़ा, मनोज प्रभाकर, अजय शर्मा, मनिंदर सिंह, अमित भंडारी, राहुल सांघवी, ऋषभ पंत (दिल्ली) अमित मिश्रा, जोगिंदर शर्मा, अजय रात्रा, यजुवेंद्र चहल, जयंत यादव (हरियाणा) युवराज सिंह, सरनदीप सिंह, पंकज धर्माणी, सिद्धार्थ कौल (पंजाब) ऋषि धवन (हिमाचल) परवेज़ रसूल (जम्मू – कश्मीर) मोहम्मद कैफ, भुवनेश्वर कुमार, प्रवीण कुमार (उत्तर – प्रदेश) कर्ण शर्मा (रेलवे) गगन खोड़ा, दीपक चाहर (राजस्थान) श्री संत (केरल) डोडा गणेश (कर्नाटक) मुनाफ पटेल (महाराष्ट्र) रोमेश पोवार (मुंबई) राकेश पटेल (गुजरात) आदि खिलाडियों ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लिया।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कुल 605 मैचों में ICC अम्पायर के. हरिहरन, शाहवीर तारापोर, अनिल चौधरी, विरेन्द्र शर्मा, अंतरराष्ट्रीय अम्पायर देश राज, देवेन्द्र शर्मा, बी एस पी राव, विजय चोपड़ा, आे कृष्णा, राजन सेठ सहित कुल 81अम्पायरों ने अम्पायर की भूमिका निभाई। जबकि एन के लखोटिया, जतिन सूद, एजाज अहमद, ईश्वर रावत, भागवत रावत, के के तिवारी (BCCI स्कोरर) सहित कुल 37 स्कोरर ने स्कोरिंग की। BCCI अंपायर धर्मेश भारद्वाज ने सर्वाधिक 90 मैचों में, अन्तर्राष्ट्रीय अंपायर देवेन्द्र शर्मा ने 84 मैचों में व BCCI Level -1 अंपायर जतिन सूद ने 80 मैचों में अम्पायर की भूमिका जबकि सुजीत शर्मा ने 128 व सतीश शर्मा ने 69‌ व जतिन सूद ने 56 मैचों में स्कोरर की भूमिका अदा की।

यह टूर्नामेंट फिरोज शाह कोटला स्टेडियम (अब अरुण जेटली स्टेडियम), करनैल सिंह स्टेडियम (रेलवे स्टेडियम), मोहन मेकिंस स्टेडियम (मोहन नगर, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश), खालसा कॉलेज, हिन्दू कॉलेज, राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर, वायु सेना मैदान (पालम) सहित कुल 17 मैदानों में इस का आयोजन किया गया। सबसे अधिक 140 मैच राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर मैदान पर आयोजित किए गए। रोहतक रोड जिमखाना ने सर्वाधिक 25 टूर्नामेंटों में भाग लिया।

ONGC की टीम ने 22 टूर्नामेंटों में भाग लेकर 46 मैचों में जीत हासिल की जबकि 16 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान ONGC की छह बार विजेता जबकि छह बार उप विजेता रही। इसी टीम के राधे श्याम गुप्ता ने 45 मैचों की 35 पारियों में सर्वाधिक 1515 रन व सोहेल शर्मा ने सर्वाधिक 65 विकेट लिए। एक पारी में सर्वाधिक टीम स्कोर व सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर : बहादुर गढ़ (हरियाणा) के जीवन ज्योति मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की टीम ने 4 अप्रैल, 2017 को शिवाजी कॉलेज मैदान पर मद्रास क्रिकेट क्लब के विरुद्ध निर्धारित 40 ओवरों में 3 विकेट पर सर्वाधिक 419 रन बनाए इसी मैच में अक्षय सैनी ने मात्र 117 गेंदों पर 11 छक्कों व 18 चौकों की मदद से 211 रनों की नाबाद विस्फोटक पारी खेली। इस टूर्नामेंट में एफ सी आई के आकाश तोमर ने 11 अप्रैल 2017 को शिवाजी कॉलेज मैदान पर रोहतक रोड जिमखाना के विरुद्ध मात्र 15 गेंदों में सर्वाधिक तेज अर्धशतक व मात्र 30 गेंदों पर सर्वाधिक तेज शतक बनाया था।

(प्रमोद सूद, सचिव, ओम नाथ सूद मेमोरियल स्पोर्ट्स एंड कल्चरल सोसायटी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *