वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन: भारतीय शिक्षा जगत और युवाओं के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय शिक्षा जगत को बढ़ावा देने और युवा सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महत्वाकांक्षी ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य भारत को अनुसंधान, सीखने और ज्ञान के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है, साथ ही अंतःविषय अध्ययनों को बढ़ावा देना और शैक्षणिक संसाधनों तक पहुँच में अंतर को पाटना है।
ONOS के तहत, देश भर में सभी केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को एक एकीकृत मंच पर 30 अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित 13,000 से अधिक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं तक निर्बाध पहुँच प्राप्त होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा समन्वित यह योजना वर्तमान में दस अलग-अलग पुस्तकालय संघों द्वारा प्रबंधित शैक्षणिक पत्रिका सदस्यता की खंडित प्रणाली को संबोधित करेगी।
विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों सहित सभी सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों को विभिन्न शैक्षणिक विषयों में फैली पत्रिकाओं तक पहुँच प्राप्त होगी। केंद्र सरकार के तहत अनुसंधान और विकास संस्थान भी इसमें शामिल होंगे, जो देश भर में लगभग 6,300 संस्थानों को कवर करेंगे। इस योजना में INFLIBNET द्वारा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों, जैसे कि एल्सेवियर साइंसडायरेक्ट, स्प्रिंगर नेचर, विले ब्लैकवेल पब्लिशिंग और अन्य को समन्वित केंद्रीय भुगतान शामिल होंगे।
संस्थान ONOS के अंतर्गत शामिल न होने वाले प्रकाशकों को अतिरिक्त सदस्यता के लिए अपने बजट आवंटित कर सकते हैं। इस पहल को तीन वर्षों (2027 तक) के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करता है। सदस्यता में प्रमुख प्रकाशकों की प्रमुख पत्रिकाएँ शामिल होंगी, जिससे संस्थानों में शैक्षणिक खेल का मैदान समान होगा। ONOS व्यक्तिगत और खंडित सदस्यता मॉडल की जगह लेगा, जिससे वे अधिक कुशल और लागत प्रभावी बनेंगे।
पहले व्यापक सदस्यता वहन करने में असमर्थ संस्थान अब गुणवत्तापूर्ण संसाधनों तक समान पहुँच से लाभान्वित होंगे। शोध उत्कृष्टता को बढ़ावा देना: कम संसाधन वाले कॉलेजों सहित विविध संस्थानों के छात्रों और शोधकर्ताओं को नवीनतम निष्कर्षों तक पहुँच प्राप्त होगी, जिससे गुणवत्तापूर्ण शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
अंतर्विषयक अध्ययनों को प्रोत्साहित करना: एक साझा मंच अकादमिक क्षेत्र में अलग-अलग विषयों में सहयोगात्मक शोध की सुविधा प्रदान करता है। युवा सशक्तिकरण का समर्थन करना: वैश्विक ज्ञान तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाकर, ONOS छात्रों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाता है, जिससे वैश्विक मंच पर उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।