राज्य सरकारों से वसूला केवल मानक किराया, नहीं बेचा मजदूरों को टिकट: रेलवे
न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों से रेल किराया वसूसले के मुद्दे पर गर्माई राजनीति के बीच आज रेलवे ने साफ साफ़ कहा है कि उसने मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला है। रेलवे ने कहा है कि राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है. रेलवे ने कहा है कि राज्यों द्वारा अनुमोदित सूचियों के आधार पर ही यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी गयी है। इसके लिए राज्य सरकारों से केवल मानक किराया लिया गया है. रेलवे ने कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और संकट के इस समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआइ ने रेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। रेलवे ने इस दौरान कोरोना वायरस लॉकडाउन के नियमों को पालन करते हुए शारीरिक दूरी को बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में एक बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है। प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए गाड़ियों को पूरी तरह लॉक रखा जा रहा है और वापस में पूरी ट्रेन खाली लौट रही हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रेलवे द्वारा प्रवासी मजदूरों को मुफ्त भोजन और बोतलबंद पानी दिया जा रहा है।
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के ट्वीट कर के आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों से किराया वसूल रही है. एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि रेलवे ऐसे समय में रेल टिकट के लिए प्रवासी मजदूरों से पैसे वसूल रहा है जिस समय वह PM-CARE फंड में पैसे दान कर रहा है। रेलवे का ये स्पष्टीकरण उसके बाद ही आया है.