जेएनयू में पीएम मोदी बोले, राष्ट्रहित में विचारधारा होनी चाहिए
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वामपंथ के गढ़ कहे जाने वाले जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा कि देश जब कठिन समय में होता है तो हर विचार हर विचारधारा के लोग राष्ट्रहित में साथ आते हैं। उन्होंने कहा कि जब आज़ादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी, तो महात्मा गांधी के नेतृत्व में हर विचारधारा के लोग एक साथ आये थे। उन्होंने देश के लिए एक साथ संघर्ष किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी विचारधारा को हमेशा राष्ट्रहित में खड़ा होना चाहिए।
प्रधानमंत्री का जेएनयू कैंपस में विचारधारा की बात करने का राजनीतिक निहितार्थ हैं। जेएनयूं कैंपस पर बीते कुछ सालों से भारत विरोधी होने का ठप्पा लगता रहा है, यहाँ प्रदर्शनों के दौरान भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे भी लगते रहे हैं, और आज प्रधानमंत्री के द्वारा देश के सामने कठिन समय में सभी को एकजुट होने की बात कहना, ये सन्देश देता है कि अब देश विरोधी ताकतों को कैंपस में कोई जगह नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने अतीत पर गर्व करना तो अच्छी बात है, लेकिन हमें 21वीं सदी में कुछ ऐसा करना है कि हम भारत पर गर्व कर सकें। जेएनयू जैसे कैंपस इस क्षेत्र में काम कर सकते हैं, ताकि हम अपने देश पर गर्व कर सकें।
बता दें कि जेएनयू के छात्र कैंपस में स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा लगाने का विरोध कर रहे हैं और उनका विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रधानमंत्री ने इशारों में वामपंथी छात्रों से कहा कि जब राष्ट्र की एकता अखंडता और राष्ट्रहित का प्रश्न हो तो अपनी विचारधारा के बोझ तले दबकर फैसला लेने से, देश का नुकसान ही होता है।
पीएम मोदी ने कहा- मेरी कामना है कि जेएनयू में लगी स्वामी जी की ये प्रतिमा, सभी को प्रेरित करे, ऊर्जा से भरे। ये प्रतिमा वो साहस दे, संबल दे, जिसे स्वामी विवेकानंद प्रत्येक व्यक्ति में देखना चाहते थे। ये प्रतिमा वो करुणाभाव सिखाए, सहानुभूति सिखाए, जो स्वामी जी के दर्शन का मुख्य आधार है।
पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस अनावरण कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे।