झारखण्ड में पुलिस ने मानव तस्करों के चंगुल से छह नाबालिग लड़कियों को कराया मुक्त

चिरौरी न्यूज़

रांची: झारखण्ड राज्य के दूर दराज इलाके से मानव तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। कुछ दिनों पहले रांची रेलवे स्टेशन से लातेहार की १४ लड़कियों को आरपीएफ ने मानव तस्करी से बचाया था। अब एक बार फिर लातेहार पुलिस ने छह नाबालिग लड़कियों को तस्करों के जाल से बचाया है। सभी लडकियों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।

कुछ दिनों पहले रांची में आरपीएफ ने लातेहार जिला के मनिका थाना क्षेत्र के चामा नेहारी गांव की 14 लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया था। इन लड़कियों को बहला फुसला कर मानव तस्कर कहीं ले जा रहे थे। आरपीएफ को शक होने पर उन सभी लड़कियों को मानव तस्करों का साथ देने वाली एक महिला दलाल पकड़ा था। इस घटना से पूरे राज्य में सनसनी फ़ैल गयी थी। महिला दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

लेकिन तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं वो इस बात से समझा जा सकता है कि सोमवार की शाम एक बार फिर मनिका थाना क्षेत्र में ही एनएच 75 पर हाईस्कूल के समीप एक बोलेरो से कहीं ले जा रही छह नाबालिग लड़कियों मानव तस्कर कहीं ले जा रहे थे। पुलिस के पास पहले से सुचना के आधार पर छह नाबालिग लड़कियों के साथ मानव तस्कर को पकड़ा लिया।

जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी प्रभाकर मुंडा को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ दलाल गांव की नाबालिग आदिवासी युवतियों को काम दिलाने के नाम पर दूसरे राज्य में ले जा रहे हैं। इसी सूचना पर थाना प्रभारी ने एनएच-75 पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया। इस वाहन चेकिंग अभियान में उक्त बोलेरो को जब्त किया गया। पुलिस ने मौके पर दो मानव तस्करों वीरेंद्र उरांव व इंद्रदेव उरांव को गिरफ्तार किया।

थाना प्रभारी ने जब सभी नाबालिग लकड़ियों से पूछताछ की तो पहले उन्होंने बताया कि वे एक शादी में जा रहे हैं, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती, तो उन्होंने बताया कि उन्हें दूसरे राज्य में मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने बरामद लड़कियों के परिजनों को थाना बुलाया और लड़कियों को सौंप दिया। छापामारी अभियान में एसआई करण कुमार यादव, कैलाश बाड़ा, शिल्पी भगत व संजय मंडल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे।

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