सटीक प्रबंधन व सतर्कता ने ‘स्वयं सहायता समूहों’ की महिलाओं को नुक़सान से बचाया
चिरौरी न्यूज़
गुरुग्राम: भारी बारिश के बावजूद ग्रामीण विकास मंत्रालय व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान के अधिकारियों की सूझबूझ और सटीक प्रबंधन और दूरगामी सोच और व्यवहारिक प्रबंधन के चलते सरस आजीविका मेले में भाग ले रही स्वयं सहायता समूहों महिलाओं के उत्पादों के नुक़सान से बचा लिया गया।
बारिश आते ही अधिकारियों ने इसके लिए योजना बना ली और गुरुग्राम प्रशासन के साझा सहयोग से स्थिति को संभाल लिया। पिछले तीन दिनों से हो रही भारी के चलते सेक्टर 29 स्थित लेज़र वैली पार्क ग्राउंड के पिछले भागों में जल भराव हो गया था जिसे 24 घंटे लगातार चल रहे चार पंपो की सहायता से पानी को बाहर निकाला गया। दलदली और गीली हो चुकी ज़मीन को जेसीबी की सहायता से सूखी रेत और गिट्टी डालकर पहले की तरह विकसित करने का सफल प्रयास किया गया।
मैदान के पिछले हिस्से में पानी में डूब चुके कुछ स्टाल्स को सुरक्षित हैंगर में शिफ्ट किया गया। कुछ जगहों पर दर्शकों की आवाजाही के लिए बाक़ायदा लकड़ी के प्लेटफॉर्म बना कर उस को कार्पेट से ढ़क कर सुंदर रास्ते में तब्दील कर दिया गया। स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को अतिरिक्त बारिश से बचाव के लिए 300 से अधिक तिरपाल का वितरण किया गया। मंत्रालय के अधियारियों ने दिन रात एक कर प्रत्येक स्टॉल से सामान की सुरक्षा के पोख्ता इंतेज़ाम किए ताकि समूहों की महिलाओं को किसी भी प्रकार का वित्तीय जोखिम का सामना ना करना पड़े।
ग्रामीण विकास मंत्रालय व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान के अधिकारियों की सूझबूझ की चौतरफ़ा तारीफ़ और सराहना हो रही है जिन्होंने सरस आजीविका को सफल बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के संस्थान राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान के अधिकारी चिरंजी लाल कटारिया ने जानकारी दी कि भारी बारिश के बावजूद महिलाओं के उत्पादों का बचाव किया गया तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की हर संभव मदद की गई।
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार से बारिश होने की संभावना नहीं है ऐसे में गुरुग्रामवासियों का इस सुहाने मौसम में सरस अजीविका मेले में भारी संख्या में आने की उम्मीद है जहां मिनी ग्रैंड इंडिया मे शॉपिंग, प्रत्येक राज्य के स्वादिष्ट व्यंजन और रोज़ाना शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा होंगे