राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की केरल की महिलाओं की सराहना, ‘देश निर्माण में अग्रणी भूमिका’

President Draupadi Murmu praised the women of Kerala for their 'leading role in nation-building'
(File Photo: BJP/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि केरल की महिलाएं राष्ट्र को नेतृत्व देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों के योगदान को याद किया, जिनमें से तीन केरल से थीं, अम्मू स्वामिनाथन, एनी मस्कारिन और दक्षायनी वेलायुधन। इन महिलाओं ने संविधान निर्माण के दौरान मौलिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किए थे।

एर्नाकुलम स्थित सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह संस्थान महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है और सामाजिक परिवर्तन तथा राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा, “भारत की पहली महिला उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अन्ना चांडी थीं, जिन्होंने 1956 में केरल उच्च न्यायालय में पदभार संभाला। न्यायमूर्ति एम. फातिमा बीवी ने 1989 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनकर इतिहास रचा।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सेंट टेरेसा कॉलेज की छात्राएं युवा भारत, विकसित भारत और जीवंत भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की जनसांख्यिकीय शक्ति का पूरा लाभ उठाने के लिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक दशक में जेंडर बजट आवंटन साढ़े चार गुना बढ़ा है, और महिला-नेतृत्व वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs) की संख्या 2011 से 2024 के बीच लगभग दोगुनी हुई है।

राष्ट्रपति ने कहा, “विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को साकार करने के लिए 70 प्रतिशत महिला कार्यबल सहभागिता का लक्ष्य महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सेंट टेरेसा कॉलेज की पूर्व छात्राओं ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देकर देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाई है।

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