पंजाब सरकार ने किया लगातार दूसरे साल बिजली दरों में कटौती

चिरौरी न्यूज़

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू बिजली दरों में 50 पैसे से लेकर एक रुपए प्रति यूनिट तक की बड़ी कमी घरेलू खपतकारों को बड़ी राहत दिलाऐगी खास कर गरीबों को जोकि पहले ही कोविड महामारी के चलते वित्तीय कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं।
यह लगातार दूसरा साल है जब राज्य में घरेलू खपतकारों के लिए बिजली दरें घटाईं गई हैं। 2020 में भी रेगुलेटरी की तरफ से घरेलू बिजली दरें 50 पैसे प्रति यूनिट घटाईं गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब स्टेट बिजली रेगुलेटरी कमीशन की तरफ से घरेलू दरें घटाने के किये फैसले से राज्य में 69 लाख घरेलू खपतकारों को 682 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही कमीशन की तरफ से कोविड महामारी के चलते व्यापारिक खपतकारों के साथ-साथ लघु और मध्यम उद्योगों के लिए दरें न बढ़ाने के फैसले की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि औद्योगिक खपतकारों के लिए भी दरों में मामूली विस्तार किया है। इससे उद्योगों को राहत मिलेगी जो पहले ही लाकडाऊन और महामारी के कारण माँग में आए संकट के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने अपने चुनावी वायदे पर अमल करते हुये उद्योगों को सब्सिडी दरों पर बिजली देने के फैसले का ऐलान किया था और उद्योगों को राज्य सरकार की तरफ से 2017 से बिजली सब्सिडी मिलती है जब दर परिवर्तनीय कीमत पर 5 रुपए प्रति यूनिट तक घटा दी थी। सरकार ने 2017 से 2021 तक उद्योगों को कुल 4911 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी दी है जिसका फायदा 42000 मध्यम और बड़े औद्योगिक खपतकारों के साथ 1,04,000 छोटे औद्योगिक खपतकारों ने भी उठाया है। राज्य सरकार की तरफ से 2021-22 के दौरान उद्योगों को मुहैया करवाई जाने वाली सब्सिडी 1900 करोड़ रुपए की होगी।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की वचनबद्धता जो पंजाब कांग्रेस के 2017 चुनावी मैनीफैस्टो में शामिल थी, को दोहराते हुये कहा कि सभी वर्गों समेत घरेलू खपतकारों, व्यापारी, उद्योगों को सस्ती दरों पर बिजली मुहैया करवानी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने आशा अभिव्यक्त की कि दरों को और तर्कसंगत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में राज्य सरकार ने इस साल भी दरों को और घटाने की सिफारिश की थी न सिर्फ घरेलू खपतकारों बल्कि उद्योगों के लिए भी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कोविड संकट के कारण राज्य के खजाने में राजस्व के घटने के बावजूद राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बिजली और उद्योगों को सब्सिडी पर बिजली मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एस.सी., बी.सी., गरीबी रेखा से निचले परिवारों को प्रति महीना 200 यूनिट मुफ्त और स्वतंत्रता सेनानियों वाला को घरेलू प्रयोग के लिए प्रति महीना 300 यूनिट मुफ्त देने की सब्सिडी जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा निर्धारित खर्चों में 40 प्रतिशत की कटौती के बाद उनकी सरकार अब खर्चों में कटौती का 96 करोड़ रुपए का खर्च भी वहन करेगी। इससे बीच की सप्लाई (एम.एस.) वाले औद्योगिक खपतकारों को राहत मिलेगी जो पहले ही महामारी के कारण पेश वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं।
घरेलू दरों को तर्कसंगत ढंग से निर्धारित करने के लिए रेगुलेटरी कमीशन की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि रैगूलेटर की तरफ से प्रतियोगी दरों पर बिजली खरीदी गई थी जो कि कर्जे के पक्ष से ब्याज के खर्च घटाने के योग्य है। उन्होंने जिक्र किया कि 2 किलोवाट तक के लोड के लिए घरेलू दरों में (0 से 100 यूनिट और 101 से 300 यूनिट उपभोग स्लैबों के लिए क्रमवार 1 रुपए प्रति यूनिट और 50 पैसे प्रति यूनिट) और 2 किलोवाट से 7 किलोवाट जरूरत के लिए (0 से 100 यूनिट और 101 से 300 यूनिट उपभोग स्लैबज के लिए क्रमवार 75 पैसे प्रति यूनिट और 50 पैसे प्रति यूनिट) में कटौती 2 किलोवाट जरूरत तक की पहली स्लैब के लिए 22.30 प्रतिशत बनती है। इससे गरीब और जरूरतमंद वर्गों को लाभ होगा जिनको महामारी के कारण सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने मौजूदा स्थिति में बिजली दरें न बढ़ाने के रेगुलेटरी कमीशन के फैसले की भी सराहना की, जब एन.आर.एस. श्रेणी वाले दुकानदारों को लाकडाऊन के कारण बुरी तरह चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक खपतकारों की स्माल पावर (एस.पी.) और मध्यम सप्लाई (एम.एस.) श्रेणियों के भी यही हालात हैं।
मुख्यमंत्री ने कशीमन के 50 प्रतिशत निर्धारित खर्चों और ज्यादा सप्लाई/मध्यम सप्लाई/लघु सप्लाई वाले औद्योगिक खपतकारों के लिए 4.86 रुपए/के.वी.ए.एच. बिजली चार्जिज, जिसमें विशेष तौर पर रात 10 बजे से प्रातः काल 6 बजे तक बिजली का प्रयोग करना शामिल है, के साथ विशेष नाइट टैरिफ जारी रखने के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे छोटी इकाईयों को लाकडाऊन के कारण हुए आर्थिक नुकसान को कुछ हद तक कम में मदद मिलेगी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इसके अलावा पिछले दो वित्तीय सालों के दौरान थ्रैशहोल्ड सीमा से अधिक उपभोग के लिए कम बिजली खर्च पर निरंतर बिलिंग के फैसले से उद्योगों द्वारा अतिरिक्त बिजली का प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा जिससे उद्योगों को राह पर आने में मदद मिलेगी। उद्योग को अतिरिक्त बिजली के उत्पादक प्रयोग को उत्साहित करने के लिए थ्रैशहोल्ड सीमा से अधिक बिजली के उपभोग के लिए 4.86 रुपए/के.वी.ए.एच. के हिसाब से कम बिजली दर की अनुमति है। ‘वोलटेज छूट’ 4.86 रुपए/के.वी.ए.ऐच. के निर्धारित बिजली खर्चों के अतिरिक्त होगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *