फैन्टसी गेम्स सहित ऑनलाईन स्किल गेम्स का समावेश करने की गेमिंग उद्योग की ओर से नीति आयोग को सिफारिश

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग की ओर से भारत सरकार के विशेषज्ञ मंडल – नीति आयोग को कुछ सिफारिश की गई है जिसमें सम्पूर्ण स्किल गेमिंग उद्योग का नियमन करने के लिए तथा नियमों का प्रमाणिकरण करने के लिए एक नियामक की स्थापना करनें का समावेश है।

फैन्टसी स्पोर्ट की तरह भारत के स्किल गेमिंग उद्योग को भी विविध राज्यों के विविध कानूनों तथा नियमों से गुजरना पड़ता है। स्किल गेमिंग उद्योग को विनियमित करने की एक बड़ी न सही लेकिन सामान्य ज़रूरत है। नीति आयोग को दिए गए ‘ गाईडलाईन प्रिन्सिपल्स फॉर युनिफॉर्म नैशनल लेवल रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाईन फॅन्टसी स्पोर्ट्स प्लैटफार्म्स इन इंडिया’ नामक इस रिपोर्ट में नीति आयोग को फैन्टसी स्पोर्ट्स के लिए एक नियामक की स्थापना करने की सिफारिश की है। नीति आयोग ने इस क्षेत्र के सभी महत्त्वपूर्ण घटकों को चर्चा के लिए १८ जनवरी २०२१ को निमंत्रित किया है।

सम्पूर्ण गेमिंग उद्योग के लिए एक स्वनियंत्रित नियामक की जरूरत को अधोरेखित करतें हुए दि ऑनलाईन रमी फेडरेशन, इस देश के ऑनलाईन रमी उद्योग के लिए स्वनिंयंत्रित संस्था के सीईओ समीर बर्डे ने कहा, “ केपीएमजी के आंकडों के अनुसार भारत में कुल ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग का आकार लगभग ५२५० करोड़ रूपयों का है। उद्योग की कुल आय की लगभग ५० प्रतिशत रमी जैसे गतीशीलता से बढ़नें वाले स्किल बेस्ड गेम से निर्माण होती है। फॅन्टसी स्पोर्ट्स यह स्किल गेमिंग उद्योग का हिस्सा है। टीओआरएफ ने अमेरिका और युरप के तज्ञों के साथ पारदर्शक, पेशेवर और नैतिकता से काम करने वाले लोगों के लिए प्रमाणिकरण करतें हुए रमी उद्योग के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनायी है।”

“इस से ऑनलाईन रमी ऑपरेटर्स को अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करते हुए विशिष्ट मानकों का प्रयोग करना मुमकिन होगा, हमें विश्वास है की इस से उद्योग के लिए यह अब एक स्वनियंत्रित संस्था बन चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह मान लिया है की कुशलता पर आधारीत खेल कानूनी है और लाभ और मुनाफे के लिए खेलना संवैधानिक है।”

भारत में स्किल गेम्स की कानूनी वैधता के बारे में बोलतें हुए एलएन्डएल पार्टनर्स के पार्टनर वैभव कक्कड़ ने कहा, “१९६० से ही सुप्रिम कोर्ट ने भी कुशलता पर आधारीत खेलों को जुए से पूरी तरह अलग करारते हुए इन्हें खेलना एक संवैधानिक अधिकार बताया है । जब यह मान लिया जाता है की यह एक कुशलता पर आधारीत खेल है तब वह कानूनी हो जाता है और इस लिए उनका आयोजन लाभ या मुनाफे के लिए करना कानूनी हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट और भारत के अन्य कोर्ट ने रमी खेल को कुशलता पर आधारीत खेल होने की बात को मान लिया है तथा विविध हाईकोर्ट में भी इस पर काफी चर्चा हो चुकी है। उन्होंने भी ऑनलाईन फैन्टसी लीग्ज को कुशलता पर आधारित खेल होनें को मान लिया है।”

फिलहाल फैन्टसी गेम्स और ऑनलाईन गेम्स ऑफ स्कील्स भी वहीं कर रहें है, जो प्लैटफॉर्म फीज के बदलें में कुशलता पर आधारित खेल खेलने हेतु ऑनलाईन मंच उपलब्ध करा रहें है। पिछलें ६० सालों की कानूनी जंग के बाद तथा विश्व स्तर के तत्वों के अनुसार हम आशा करतें है की सुप्रिम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट इस तर्क को समझेंगे और फैन्टसी लीग्ज को वें एक कुशलता पर आधारीत गेम के रूप में मान्यता देंगे।”

भारत में कुशलता पर आधारीत गेमिंग क्षेत्र के लिए एक स्वनियंत्रक संस्था की जरूरत पर जोर देनें का मत भारत में कार्यरत स्किल गेमिंग कंपनीयों ने व्यक्त किया है। सरकार की विकास में बढ़ोत्तरी करने की नीति में स्किल गेमिंग क्षेत्र के योगदान के बारें में तथा रोजगार निर्माण तथा एफडीआई की योजनाओं के बारें में जानकारी देते हुए गेम्स २४x७ के सह संस्थापक और सीईओ (कंपनी की ओर से रमी सर्कल इस भारत के सबसें बड़े रमी प्लैटफार्म तथा माई११ सर्कल इस देश के वरियताप्राप्त फैन्टसी स्पोर्ट्स मंच का परिचालन किया जाता है) भाविन पंड्या ने कहा, “ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग में मनोरंजन का एक स्वस्थ, जिम्मेदार रूप प्रदान करने की जबरदस्त क्षमता है। कुशलता पर आधारीत गेमिंग उद्योग बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश आकर्षित कर रहा है। इन में सिक्वेरा, टाईगर ग्लोबल, एक्सेल पार्टनर्स, राईन कैपिटल, क्लैरिवेस्ट, वेस्टब्रीज कैपिटल, कलारी कैपिटल, बेनेट कोलमन, ब्ल्युम वेंचर्स और की कैपिटल जैसी कंपनीयों का समावेश है। कुल मिला कर देखा जाए तो स्किल गेमिंग उद्योग में इस से पहलें ही लगभगी ५ हजार करोड रूपयों से अधिक का निवेश किया गया है। इस के साथ ही नौन फैन्टसी स्पोर्ट्स कंपनीओं ने भी यशस्वी रूप से विदेश से निवेश प्राप्त किया है। तुलना की जाए तो केवल दो ही फैन्टसी स्पोर्ट्स कंपनीयों ने एफडीआई को आकर्षित करनें का यश प्राप्त किया है।

इसलिए फैन्टसी स्पोर्ट्स और अन्य कुशलता पर आधारीत खेलों (इस में पूल, कैरम, प्रश्नोंपर आधारीत खेल आदी के साथ रमी) के बीच महत्वपूर्ण ओवरलैप को देखते हुए, हमारा यह विश्वास है की नीति  आयोग के पास दिए गए रिपोर्ट में अधिक विस्तृत मात्रा में स्किल गेमिंग उद्योग की ओर देखनें की जरूरत है। ऐसे विस्तृत दृष्टिकोन के कारण देश को काफी लाभ होगा। सम्पूर्ण भारत में स्किल गेमिंग क्षेत्र के लिए प्रमाणित नियम और निकषों का निर्माण करनें के बाद देशभर के करोड़ो खिलाडीयों को जिम्मेदार ऑपरेटर्स की ओर से सेवा प्राप्त हो सकेगी। उनके अलावा भारत में कार्यरत गैरकानूनी तथा घातक ऑपरेटर्स को भारत से बाहर निकालना आसान होगा। इस के साथ ही सरकार को लगभग २०२५ तक १० हजार करोड रूपयों की आय प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी, साथ ही प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।”

एशियाई खेलों में ई स्पोर्ट्स का समावेश करनें के बारें में अपनी राय देते हुए एमपीएल चे सीईओ साई श्रीनिवास ने कहा “ फैन्टसी स्पोर्ट्स कुशलता पर आधारीत खेल है और उन खेलों को खेलतें समय भी कैरम, पूल, शतरंज, शुटिंग आदी की तरह कुशलता की जरूरत पड़ती है तथा सम्पूर्ण ई स्पोर्ट उद्योग के सभी खेलों को खेलनें के लिए कुशलता की जरूरत पड़ती है। खिलाडी एमपीएल की तर्ज पर ई स्टेडियम पर जाते है और मान्यता या पुरस्कार के लिए खेलतें है यहीं बात अन्य कुशलता पर आधारीत तथा ई स्पोर्ट्स में जारी होती है। इसलिए कुशलता पर आधारीत खेलों को इकठ्ठा करते हुए ई स्पोर्ट्स के साथ सभी खेलों पर नियंत्रण लाना जरूरी है, विशेष तोर पर इसलिए क्यूंकि एशियाई खेलों में समावेश होने के बाद यह काफी आवश्यक है। हम नीति  आयोग को यह सिफारिश कर दे रहें है तथा आशा करतें है की लोगों के हित में कुशलता पर आधारीत खेल और ई स्पोर्ट्स को इकठ्ठा किया जा सके।”

भारतीय गेमिंग क्षेत्र की आय में स्किल बेस्ड गेमिंग से दिए जाने वालें योगदान के बारे में बोलते हुए पेटीएम फर्स्ट गेम्स के प्रवक्ता ने कहा “ भारत में ४०० मिलियन गेमर्स है जो देश को वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग उद्योगों में से एक बनाता है। युवाओं की बढ़ती संख्या, इंटरनेट का बढ़ता प्रसार, कंटेंट की विविधता और गेमिंग मनोरंजन की चाहत के कारण भविष्य में यह उद्योग गतीशीलता से बढेगा। आज १।२ बिलियन डॉलर्स के इस गेमिंग उद्योग में से ७५ प्रतिशत आय ग्राहकों की ओर से कुशलता पर आधारीत गेम्स से हो रही है। इस में अगर नियामक आते है तो कुशलता पर आधारीत गेम्स और मनोरंजन का नया स्तर निर्माण होनें में सहयोग मिलेगा।”

स्किल गेमिंग के व्यवसाय के बारें में चर्चा करतें हुए ऑनलाईन रमी ब्रान्ड ए २३ और फैंन्टसी स्पोर्ट्स प्लैटफार्म फैनफाईट के परिचालक, डिजिटल वर्क्स के सीईओ दिपक गुल्लापल्ली ने कहा “ भारत के गेमिंग उद्योग ने कई प्रकार के निवेशकों को आकर्षित किया है जिस से सम्पूर्ण उद्योग का भी विकास हुआ है। सरकार के विदेशी निवेश को बढ़ाने, रोजगार निर्माण करने तथा नवीनता को बढ़ावा देने की नीति  के कारण यह मुमकिन हुआ है। जिन कंपनीयों को इक्विटी के माध्यम से निवेश प्राप्त हुआ है उनमें से ६० प्रतिशत से अधिक कंपनीयां नॉन फैन्टसी स्पोर्ट्स क्षेत्र की है। सभी के लिए एक नियामक के होने से विदेशी निवेशकों की अनिश्चितता दूर होगी तथा कुछ बिलियन डॉलर्स का निवेश प्राप्त हो सकेगा जिस से नवीनता को बढावा मिलेगा और रोजगार निर्माण के साथ करों में भी बढ़ोत्तरी होगी।”

स्किल गेमिंग क्षेत्र में पेशेवर दृष्टिकोन की बढ़ोत्तरी के बारें में चर्चा करते हुए हाल ही में ५०मिलियन युज़र्स पूर्ण करने वाले तथा सबसे गतीशीलता से बढ़ने वाले फैन्टसी स्पोर्ट्स और रमी ब्रान्ड जंगली गेम्स के संस्थापक और सीईओ अंकुश गेरा ने कहा “ इस क्षेत्र में पेशेवर दृष्टिकोन में बढोत्तरी हो रहीं है क्यों की आजतक भारत में २७५ गेम डेवलपमेंट स्टार्ट अप्स कार्यरत है। पिछलें १० सालों में यह आंकडे दस गुना बढ चुकें है। गेमिंग उद्योग के कारण लगभग ५० हजार उच्च शिक्षित तंत्रज्ञ, डिज़ाईन और उत्पादन विकास करनेंवालें मानवी संसाधन को रोजगार प्राप्त हुआ है, इस से अब भारत की अगली पिढी की स्टार्ट अप्स और पेशेवरों का बढ़ावा मिल सकेगा।”

नीति  आयोग के समक्ष रखी गयी तथा रिपोर्ट के ड्राफ्ट में निम्नलिखित सुझावो तथा निरिक्षणों का समावेश किया गया है–

1। ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग लगातार रोजगार, करों से आय और निवेश को बढ़ावा दे रहा है तथा भविष्य में भी देता रहेगा। इस उद्योग को भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत स्पष्ट सुरक्षा के बावजूद विभिन्न राज्यों में नियामक अनिश्चितताओं के लिए बार-बार उजागर किया गया है, जैसा कि दिशानिर्देशों में उद्धृत किया गया है। संवैधानिक सुरक्षा व्यापक कौशल गेमिंग उद्योग के सभी घटकों के लिए समान रूप से उपलब्ध है।

2। नीति आयोग द्वारा जारी किए गए नियमों में केवल फैन्टसी गेम्स का समावेश किया गया है, फिर भी यह भाग विशाल ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग का एक छोटा हिस्सा है। इस के चलतें हर एक राज्य में नियमों को जोडना/ मान्य करना तथा सेफ हार्बर के लिए प्रयास करना काफी मुश्किल होगा क्यों की ऑनलाईन स्किल गेम्स की तुलना में यह उद्योग इन नियमों से दूर रहेगा। नीति  आयोग की कक्षा में बढ़ोत्तरी करतें हुए सम्पूर्ण स्किल गेमिंग बजार का समावेश करतें हुए निर्णय लें जिस से उद्योग की समस्याओं से निज़ात प्राप्त हो सकें।

3। नीति  आयोग द्वारा विशिष्ट प्रकार के गेमर्स में से ६६ प्रतिशत (जैसे फैन्टसी गेमर्स या ऑनलाईन रमी गेमर्स ) जैसे स्वनियंत्रित बजार की संस्थाओं को मान्यता देने के साथ ही वरियताप्राप्त ३ से ४ ऑनलाईन ऑपरेटर्स का इन नियामकों में समावेश करनें के आदेश जारी करनें की जरूरत है, इन सर्व समावेशक दृष्टिकोन के कारण स्वनियंत्रित कार्य में स्पर्धात्मकता रह कर नवीनता को कानून के दायरे में लाकर उसे बढ़ावा देना मुमकिन होगा।

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