आरजी कर मामला: प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की भूख हड़ताल तीसरे दिन भी जारी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: कोलकाता के एस्प्लेनेड में छह जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन सोमवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। ये जूनियर डॉक्टर सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में भूख हड़ताल पर हैं।
रविवार रात को एक और जूनियर डॉक्टर उन छह अन्य डॉक्टरों में शामिल हो गए, जिन्होंने 4 अक्टूबर की शाम को भूख हड़ताल शुरू करने के लिए स्वेच्छा से काम किया था। भूख हड़ताल में शामिल होने वाले सातवें डॉक्टर आर.जी. कर के अनिकेत महतो हैं। महतो ने आमरण अनशन में शामिल होने के अपने फैसले के पीछे के तर्क को भी समझाया है।
महतो ने कहा, “चूंकि विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के हमारे छह सहयोगियों ने स्वेच्छा से भूख हड़ताल शुरू करने के लिए कहा था, इसलिए कुछ लोग सवाल उठा रहे थे कि आर.जी. कर से कोई भी उन छह में क्यों नहीं था। शायद, वे भूल गए कि मौजूदा ‘धमकी संस्कृति’ के कारण जूनियर डॉक्टरों की दुर्दशा सिर्फ आर.जी. कर तक ही सीमित नहीं है। इसलिए सवाल उठाने वालों ने लोगों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश की।”
शनिवार शाम को भूख हड़ताल शुरू करने वाले छह जूनियर डॉक्टरों में एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पुलस्त्य आचार्य, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की तनया पांजा, स्निग्धा हाजरा और अनुस्तुप मुखोपाध्याय, केपीसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की सायंतनी घोष हाजरा और एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अर्नब मुखोपाध्याय शामिल थे।
यह विरोध इस मायने में अनोखा है कि जहां ये सात जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर हैं, वहीं उनके साथी काम बंद आंदोलन वापस लेकर चिकित्सा सेवाएं देने के अपने काम पर लौट गए हैं।