रामायण में रणबीर कपूर के अभिनय पर बोले सद्गुरु, “उनसे अवास्तविक उम्मीदें हैं’

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: निर्देशक नितेश तिवारी की आगामी फिल्म ‘रामायण’ पिछले काफी समय से भारतीय सिनेमा की सबसे चर्चित और बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं में से एक बनी हुई है। इस फिल्म में अभिनेता रणबीर कपूर भगवान राम की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि इसका निर्माण निर्माता नमित मल्होत्रा कर रहे हैं।
हाल ही में नमित मल्होत्रा आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु के साथ एक बातचीत में शामिल हुए, जहाँ दोनों ने इस बात पर चर्चा की कि जब कोई अभिनेता किसी पवित्र पौराणिक चरित्र को पर्दे पर जीवंत करता है, तो उस पर कितनी बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है।
सद्गुरु ने स्वीकार किया कि रणबीर कपूर को दर्शकों की ओर से “अवास्तविक उम्मीदों” का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भगवान राम एक अत्यंत पूजनीय और आदर्श चरित्र हैं। उन्होंने कहा, “अगर उनमें समझ है, तो उन्हें थोड़ा ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ बन जाना चाहिए। यह एक अवसर है — जब आपको राम की भूमिका निभाने का मौका मिला है, तो आपको खुद को बदल लेना चाहिए। जीवन में ऐसा अवसर कब मिलेगा? लेकिन साथ ही, लोगों की उम्मीदें भी अवास्तविक होंगी।”
सद्गुरु ने तेलुगू सिनेमा के दिग्गज एन.टी. रामाराव (NTR) का उदाहरण देते हुए कहा, “तेलुगू फिल्मों में एन.टी. रामाराव ने कृष्ण की भूमिका 15-16 बार निभाई थी। लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते थे। उनके बांसुरी बजाते हुए बड़े कटआउट लगाए जाते थे और वे चुनाव में भारी बहुमत से जीते थे। उस समय यह एक वास्तविकता थी — और कुछ हद तक आज भी है।”
सद्गुरु ने रणबीर कपूर को सीधा संदेश देते हुए कहा, “अगर आप किसी फिल्म में राम का किरदार निभा रहे हैं, तो मुझसे उम्मीद होगी कि आपके अंदर कुछ कोमलता दिखे। लेकिन यह अभिनेता के लिए अनुचित है, क्योंकि आखिर में वह केवल अभिनय कर रहा है। उम्मीद है कि राम का किरदार निभाने से उनके भीतर राम के कुछ गुण भी आ जाएँ — यह उनके लिए अद्भुत होगा, भले ही यह एक अवास्तविक उम्मीद हो।”
रणबीर कपूर को ‘रामायण’ के ऐलान के बाद से ही सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं। कुछ लोग उनके पिछले बयानों और भूमिकाओं के आधार पर उन्हें भगवान राम के रूप में स्वीकार करने को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
