सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता मजीदी का गंभीर आरोप; कहा,अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती कराना चाहते है भारत में तालिबान की एंट्री

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में जब से तालिबान ने अपनी सरकार बनायी है, पूरे विश्व में उसकी बर्बरता की निंदा हो रही है, लेकिन भारत में कई लोग और संगठन हैं जिसे तालिबान के समर्थन में देखा जा सकता है। समाजवादी पार्टी के नेता के साथ साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी फिर उसके बाद शायर मुन्नवर राना ने खुलकर तालिबान की वकालत की है। अब अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती पर सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरवर चिश्ती भारत में तालिबान की एंट्री करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि, सरवर चिश्ती का कुछ दिनों पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ हुई मीटिंग थी, जिसके बाद वह तालिबान का समर्थन करने लगें है। उन्होंने कहा कि ये लोग पाकिस्तान के जरिये भारत में तालिबान की एंट्री कराना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सरवर चिश्ती महीनों पाकिस्तान में रहते हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता मजीदी ने बताया कि 10 अगस्त को ओखला के रिवर व्यू होटल में पीएफआई द्वारा एक मीटिंग बुलाई गई थी। इस मीटिंग में अजमेर शरीफ दरगाह के ख़ादिम सरवर चिश्ती, सज्जाद नोमानी और ओबेदुल्ला आज़मी सहित कई प्रमुख चेहरे शामिल हुए थे। सरवर चिश्ती ने उस मीटिंग में पीएफआई को मुसलमानों का बहादुर संगठन बताया था। मजीदी ने दावा किया कि इस मीटिंग का एक वीडियो उनके हाथ लगा है। वीडियो के आधार पर उन्होंने पीएफआई व अजमेर शरीफ दरगाह के ख़ादिम पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

वहीं सरवर चिश्ती ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हम सूफी है। पाकिस्तान और दूसरी जगह पर हम जाते हैं। हम तालिबान की मुखालफत करते हैं। इसको लेकर मैं पहले भी अपना वीडीयो जारी कर चुका हूं।

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