शरद पवार ने बीएमसी की कारवाई पर जताई नाराजगी

चिरौरी न्यूज़

मुंबई: अभिनेत्री कंगना रनौत का ऑफिस महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना के आदेश पर तोड़े जाने के बाद राज्य की राजनीति में उथल पुथल शुरू हो गया है। आज गुरूवार को बीएमसी द्वारा कंगना का ऑफिस के कुछ हिस्सों को ढहा दिया गया। हालांकि, कंगना को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत भी मिल गई। कोर्ट ने अवैध निर्माण को बीएमसी की तरफ से ध्वस्त करने की शुरू की गई प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए एक स्थगन आदेश जारी किया।

महाराष्ट्र सरकार की धुरी माने जाने वाले शरद पवार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बीएमसी की ये कारवाई निंदनीय है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार ने कंगना का नाम लिए बिना कहा कि बीएमसी ने अपने डिमॉलिशन ड्राइव से मुद्दे को ‘गैरजरूरी पब्लिसिटी’ दे दी है।

शरद पवार ने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा, ‘मुझे मीडिया कवरेज पर आपत्ति है। मीडिया ने इन सारी चीजों को बढ़ा-चढ़ा दिया है। हमें ऐसी चीजों को नज़रअंदाज करना चाहिए। मुंबई में अवैध निर्माण करना कोई नई चीज नहीं है। लेकिन इसपर चल रहे विवाद के बीच में ही एक्शन लेने से सवाल पैदा हो रहे हैं। लेकिन बीएमसी के पास अपने कारण हैं, अपने नियम हैं और उन्होंने उसके हिसाब से कार्रवाई की है।

शिवसेना के साथ कंगना के विवाद पर संजय राउत ने भी बयान दिया है। बीएमसी द्वारा लिए गए एक्शन पर संजय राउत ने कहा कि वो सरकार का एक्शन है, उसमें मेरा कोई लेना देना नहीं है। संजय राउत ने कहा कि इसकी टाइमिंग क्या है, इसका जवाब सिर्फ बीएमसी के कमिश्नर दे सकते हैं। अगर कोई कानून तोड़ता है तो उसपर एक्शन लिया जाता है, ऐसे में पार्टी के पास जानकारी हो जरूरी नहीं है।

कंगना के बाबर वाले बयान पर संजय राउत ने कहा कि बाबरी तोड़ने वाले ही हम लोग हैं, तो हमें क्या कह रहे हैं। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि ऐसा लगता है कंगना ने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली है, इसलिए शिवसेना कंगना रनौत पर हमला बोल रही है। जब आप राजनीति करेंगे तो निश्चित तौर से दूसरी ओर से भी आप पर हमला बोला जाएगा।

 

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