दिल्ली में दुर्गा पूजा और रामलीला को लेकर जारी हुआ SOP

शिवानी रज़वारिया

नई दिल्ली: सात महीनों से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, पूरे भारतवर्ष को कोरोना वायरस के डर के साय में रहते रहते। इस बीच हमने सभी त्योहारों को अपने सीमित क्षैत्र में ही बिना किसी धूम-धाम, बिना लोगों की भीड़ के अपने अपने घरों में ही साथ मनाया है। कोरोना का घटता क्रम लोगों में फिर एक साहस और उम्मीद भर रहा है। पर पूरी तरह चिंतामुक्त होना खतरे से खाली नहीं होगा।

इसी संकट के बीच हर साल धूमधाम से मनाए जाने वाली दुर्गा पूजा का विशेष दिन भी आ रहा है जिसकी तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती थीं। बड़े बड़े पंडालों की रौनक देखने दूर दूर से लोग खींचे चले आते थे। हर वर्ष दुर्गा पूजा के पंडाल के साथ साथ रामलीला का भी आयोजन किया जाता रहा है पर इस साल सभी के मन में यही सवाल है इस बार कैसे दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाएगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना संकट के बीच दुर्गा पूजा मनाने और रामलीला के मंचन को लेकर दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया है.

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने त्योहारों के लिए SOP जारी करते हुए बताया है कि दुर्गा पूजा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में रामलीला का आयोजन होगा, लेकिन पूजा पंडाल के पास मेला नहीं लगेगा. साथ ही झूला और फूड स्टॉल लगाने की भी अनुमति नहीं दी गई है. दिल्ली के मुख्य सचिव एवं डीडीएमए की राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष विजय देव ने कहा कि सभी कार्यक्रम आयोजकों को संबंधित कानूनों एवं नियमों के अनुसार अन्य अधिकारियों से अनुमति प्राप्त करने के अलावा कार्यक्रम के आयोजन के वास्ते संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों से भी अपेक्षित अनुमति लेनी होगी.

आदेश के मुताबिक, 30 सितंबर को DDMA द्वारा समारोहों और बड़ी सभाओं को लेकर लगाए गए प्रतिबंध का आदेश, आने वाले त्योहारों के मद्देनजर केवल 31 अक्टूबर तक की समय सीमा तक के लिए वापस लिया गया है. डीडीएमए ने कहा कि त्योहारों के दौरान 31 अक्टूबर तक मेला, कार्यक्रम स्थल के बाहर या अंदर खाद्य पदार्थ के ठेले लगाने, झूला, रैली, प्रदर्शनियों और जुलूसों की अनुमति नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति तत्काल रद्द कर दी जाएगी.

पूजा स्थल और रामलीला के दौरान लोगों की मौजूदगी को लेकर गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करना होगा. गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा था कि बंद जगह पर कुल क्षमता के 50 फीसदी लोग ही मौजूद रहेंगे. वहीं खुले स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा.

 

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