कोरोना पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सहित चार राज्यों को लगाई फटकार

Centre warns of "constitutional anarchy" after order on term limits for governorsचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली सहित असम, महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और दिल्ली सरकार  सहित चारों  राज्यों को कड़ी फटकार लगाईं है। सुप्रीम कोर्ट ने चारों राज्य सरकारों से कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के खिलाफ कुछ ज्यादा ही सख्त टिप्पणियां की है, और कोरोना पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। साथ ही इसको लेकर दिल्ली सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन से कहा, “दिल्ली में हालत काफी बिगड़ गये, खासकर नवंबर के महीने में । आप स्थिति रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि इस बाबत क्या कदम उठाए गए हैं।” न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह भी पीठ का हिस्सा हैं।

बता दें कि दिल्ली में हर रोज कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है, अस्पतालों में बीएड नहीं मिल रहे हैं और पिछले एक हफ्ते से तक़रीबन 100 लोगों की मृत्यु कोरोना से हर दिन हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति खराब है। दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्होंने अस्पतालों में बेड बढ़ाने के अलावा अन्य कई इंतजाम किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार विस्तार से बताए कि कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय तहत उन्होंने क्या-क्या काम किए हैं और इसके लिए एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर अन्य राज्यों ने कोरोना वायरस के हालात को लेकर सावधानी नहीं बरती तो दिसंबर के महीने में स्थिति बहुत बुरी हो सकती है। सभी राज्यों को सावधान रहने की जरूरत है।

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