बीमारी और गरीबी के दुष्चक्र का समापन: स्वस्ति का i4We दिखाता है कि कैसे सामुदायिक सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल है संभव
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट द्वारा जारी “ट्रैकिंग यूनिवर्सल हेल्थ कवेरज: 2017 ग्लोबल मॉनिटरिंग रिपोर्ट” के अनुसार, अकेले भारत में, पिछले एक दशक में स्वास्थ्य संबंधी खर्च ने लगभग 5-6 करोड़ लोगों को गरीबी के दलदल में धकेल दिया है। गरीब व्यक्ति स्वयं और परिवार के बीमार होने से साल में 1-2 महीने तक के उत्पादकता समय से हाथ धो बैठता है। इनमें से लगभग 50-60 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार की अज्ञात बीमारी के साथ जीवन यापन करते हैं और उन लोगों की तुलना में पहले मर जाते हैं, जो आर्थिक रूप से बेहतर हैं। इस समस्या का समाधान करने और खराब स्वास्थ्य एवं गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए, स्वस्ति के इनवेस्ट फॉर वेलनेस (i4We) प्रोग्राम सबसे गरीब और हाशिए पर रह रहे 2 लाख से अधिक लोगों के घर पर प्राथमिक देखभाल पहुंचा रहा है। इस प्रोग्राम का लक्ष्य 2030 तक एक करोड़ स्वस्थ दिनों तक पहुंचना है।
वर्तमान में इस कार्यक्रम को भारत के 4 राज्यों और 5 स्थानों पर शहरी और ग्रामीण इलाकों में चलाया जा रहा है, जिनमें मध्य प्रदेश का सीहोर जिला (2 ब्लॉक), कर्नाटक का रामानगर जिला (1 तालुका), और बेंगलुरु शहरी जिला, तमिलनाडु का करूर शहरी और हरियाणा का गुरुग्राम शामिल है। प्रोग्राम के मॉडल को न केवल फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं बल्कि स्वास्थ्य केंद्रित समूहों और महिला आरोग्य समिति के समकक्ष एक स्थानीय सामुदायिक संस्थान के माध्यम से स्थानीय सामुदायिक नेतृत्व के लिए डिजाइन किया गया है। प्रत्येक परिवार इसका एक “सदस्य” है और सक्रिय रूप से अपनी कल्याण यात्रा में भाग लेता है, स्वास्थ्य जानकारी, सलाह और सेवाओं (जांच, उपचार और देखभाल सेवाएं एवं रेफरल), सामाजिक सुरक्षा (जागरूकता, योग्यता और सरकारी पहचान और योजना की सुविधा) के साथ ही साथ वित्तीय साक्षरता और सेवाओं (बचत और ऋण) के माध्यम से सक्रिय रूप से उनकी मदद की जाती है।
कोविड-19 की प्रतिक्रिया के रूप में, समुदाय के नेताओं ने अपने सदस्यों के बीच वायरस के प्रसार को रोकने में निगरानी, स्थानीय मदद और सलाह, सुरक्षा नियमों और व्यवहार को मजबूत करने, घर में पृथकवास, गंभीर स्थिति के साथ ही साथ टीकाकरण अभियान के लिए टेलीकेयर सेवाओं की पेशकश करने के माध्यम से अहम भूमिका निभाई है। सामुदायिक नेताओं ने स्वस्ति के कर्मचारियों के साथ मिलकर कोविड-19 के दौरान परिवारों की देखभाल की और राशन, दवाओं, सरकारी सेवाओं, अस्पताल में भर्ती और ऑक्सीजन सहायता के लिए मदद की।
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में एक सिस्टम इन्नोवेशन के रूप में वर्णित, i4We हेल्थ और वेल्थ हस्तक्षेपों को आपस में जोड़ता है, और सबसे गरीब एवं हाशिए वाले समुदायों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है। इसे कैटालिस्ट ग्रुप – एक 26 साल पुरोन सामाजिक प्रभाव मंच – द्वारा समर्थन दिया गया है, जो सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ ही साथ मानवीय आपात स्थितियों में काम कर रहा है। कैटालिस्ट ग्रुप के सहयोगी संगठन हैं – सीएमएस -सोशल इम्पैक्ट स्पेशिएलिस्ट, स्वस्ति, द हेल्थ कैटालिस्ट – एक वैश्विक साउथ पब्लिक हेल्थ नॉन-प्रोफिट, वृत्ति- आजीविका प्रभाव भागीदार ने जीवन में i4We को लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे विभिन्न देशों के कई भागीदारों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है, जिसमें प्रमुख भागीदार है – मार्क्स एंड स्पेंसर और अन्य हैं माइग्रोस, लेवी स्ट्रॉस एंड कंपनी, सोशल वेंचर पार्टनर्स, मॉर्गन स्टेनली, आश्रय हस्त ट्रस्ट, पीसीएमएच रिस्टोर-हेल्थ, पीसीआई 360 आदि।
कैटालिस्ट ग्रुप के को—फाउंडर और i4We के चीफ आर्किटेक्ट शिव कुमार ने कहा, “i4We एक मजबूत टेक्नोलॉजी स्ट्रैटेजी का उपयोग करता है, जिसमें कार्रवाई, देखभाल निदान के बिंदु, और नवीन स्वास्थ्य उत्पादों की श्रृंखला के लिए स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े लोगों, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों के तंत्र, वास्तविक समय के विश्लेषण और डैशबोर्ड के लिए एक एप शामिल है। यह नवीनतम व्यवहार विज्ञान के सिद्धांत और प्रथाओं का भी उपयोग करता है जिसमें सर्वाइवल एनालिसिस, नज और अन्य उपकरण शामिल हैं।”
अपने अनुभव के बारे में बताते हुए, संजीवनी कल्याण समिति, मोहम्मदपुर-झारसा की अध्यक्ष पूजा देवी कहती हैं, “हम अपने खातों में प्रति माह लगभग 200 रुपये की बचत करते हैं, जिससे हमें ब्याज मिलता है। प्रत्येक परिवार को स्क्रीनिंग, उपचार, देखभाल, स्वास्थ्य शिक्षा और सलाह, कम लागत वाले ऋण और प्रशिक्षण और आजीविका के अवसरों से लेकर कई तरह के लाभ मिलते हैं। हम परिवारों को उनका स्वास्थ्य बेहतर रखने में मदद करने के लिए भी काम करते हैं, इसके तहत वे क्या खाते हैं, उनकी इमोशनल हेल्थ, समस्याओं को हल करना या उनके माध्यम से काम करना आदि शामिल हैं। जब हम एक साथ काम करेंगे तभी हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।”