तालिबान ने किया अफगानिस्तान पर कब्ज़ा, सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया हुई शुरू

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सहित देश के सभी महत्वपूर्ण शेरोन पर कब्ज़ा कर लिया है और अली अहमद जलाली को अशरफ गनी की जगह अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त कर दिया है। तालिबान के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अफगानिस्तान सरकार ने बगराम वायुसेना अड्डा तालिबान को सौंप दिया है। काबुल में घबराये सरकारी कर्मचारी दफ्तर छोड़कर भाग निकले हैं।

अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तालिबान के लड़ाके कलाकान, काराबाग और पघमान जिलों में मौजूद हैं।

इस से पहले तालिबान ने जलालाबाद पर कब्जा किया था। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। तालिबान ने कहा, ‘किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा।’

काबुल में राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर ताजिकिस्तान भागने की खबर है। हालांकि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के सलाहकार ने दावा किया है कि अशरफ गनी देश छोड़कर नहीं गए हैं। इससे पहले, वहां के टोलो न्यूज़ ने यह खबर रविवार की शाम को दी थी कि अशरफ गनी अपनी कोर टीम के सदस्यों के साथ तजाकिस्तान भाग गए हैं। इधर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकन ने तालिबान के कब्जे को लेकर अफगानिस्तान की सेना को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अपने देश की रक्षा करने में अफगानिस्तान की सेना विफल रही।

दूसरी तरफ अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने  अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अशरफ गनी ने हमारे हाथ बांधकर हमें बेच दिया। अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वह तालिबान के साथ नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा- मैं तालिबान के आगे कभी नहीं झुकेंगे। मैं लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा। लाखों लोगों ने मुझ पर भरोसा किया है।

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वह तालिबान के साथ नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा- मैं तालिबान के आगे कभी नहीं झुकेंगे। मैं लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा। लाखों लोगों ने मुझ पर भरोसा किया है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के अधिकतर इलाकों पर अब कट्टपंथी संगठन तालिबान का कब्जा हो चुका है। वह काबुल के बाहरी इलाकों में भी रविवार को घुस आए। इस बीच एक तरफ जहां तालिबान को सत्ता हस्तांतरण पर चर्चा चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उसे चेतावनी भी दी जा रही है।

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