पथ का नामकरण हो गया, अब डॉ कर्ण के बताए रास्ते पर चलें: डॉ संजय मयूख
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: भारतीय जनात पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी डॉ संजय मयूख ने कहा कि व्यक्ति भले ही चले जाएं, लेकिन उनका व्यक्तित्व और कृतित्व लोगों के बीच ताउम्र रहता है। ऐसे ही व्यक्तित्व के स्वामी रहे देश के जाने-माने समाजसेवी और विकलांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले डॉ. जी. एन. कर्ण। मेरी कुछ मुलाकात थी, हमेशा समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए सोचते रहते थे और काम करते रहे। उन्होंने अपनी शारीरिक कमियों को कभी भी अपनी दृढ निश्चय से संकल्प के आडे नहीं आना दिया। यही कारण है कि उनके जाने के बाद भी हम लोग आज उनकी बात कर रहे हैं। डॉ संजय मयूख ने कहा कि आज मुझे बेहद खुशी हो रही है कि उनके नाम पर कालोनीवासियों के एक पथ का नाम रख दिया। इसके साथ ही उनके आवास के निकट चैराहे का नामकरण भी कर दिया। अब जरूरत इस बात की है कि उनके बताए रास्तों पर आप लोग चलें। समाजसेवा के लिए आगे आएं। हमें और आपको यह संकल्प लेना चाहिए कि जो भी हमारे समाज में जरूरतमंद है, हम सब मिलकर उसकी सहायता करें।
भाजपा नेता डॉ संजय मयूख वसंत कुंज इन्क्लेव में डॉ जीएन कर्ण की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आायोजन डॉ कर्ण द्वारा स्थापित संस्था सीएसडीएस की ओर से किया गया। बता दें कि डॉ जीएन कर्ण ने अपना पूरा जीवन विकलांगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। इसी वर्ष जनवरी में उनका निधन हुआ था। उनके सम्मान में आज रोड और चैराहे का नामकरण हुआ।
इस कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष श्री मनीष सिंह और बिजवासन के पूर्व विधायक श्री सत्यप्रकाश राणा ने काॅलोनीवासियों को धन्यवाद दिया कि सभी ने मिलकर अपने बीच के लोगों का सम्मान किया। वक्ताओं ने कहा कि हमें बेहद प्रसन्नता हो रही है कि आज हम अपने समाज के लोगों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में आए हैं। डॉ जीएन कर्ण का पूरा जीवन एक आदर्श रहा है, सभी को उससे सीख लेनी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन सीएसडीएस के निदेशक अजय कुमार कर्ण ने किया। उन्होंने बताया कि काॅलोनी में डॉ जीएन कर्ण के निधन पर हुई शोकसभा में सर्वसम्मति से यह तय हुआ था कि रोड नंबर 16 का नामकरण उनके नाम से हो। साथ ही उनके निवास वाले चैराहे को उनके नाम से जाना जाए। अजय कुमार कर्ण ने बताया कि हमारे लिए दुख की बात यह है कि इस काम को पूरा करवाने के लिए स्वर्गीय तंवर जी उत्साहित रहे, लेकिन उनके हाथों से यह काम पूरा नहीं हो सका। मगर आज खुशी है कि हमने अपने कहे को पूरा किया। इस अवसर पर डॉ जीएन कर्ण का पूरा परिवार और काॅलोनीवासी उपस्थित रहे।