विश्व का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज़ MSC IRINA का विजिंजम पोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत

The world's largest container ship MSC IRINA received a grand welcome at Vizhinjam Portचिरौरी न्यूज

अहमदाबाद: विश्व का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज़ MSC IRINA सोमवार सुबह विजिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट, तिरुवनंतपुरम पर ऐतिहासिक रूप से पहुंचा। यह जहाज़ अब तक का सबसे विशाल कंटेनर जहाज़ है जो TEU (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) क्षमता के आधार पर विश्व में पहले स्थान पर है। यह अपनी पहली यात्रा पर दक्षिण एशिया के किसी बंदरगाह पर पहुंचा है, जो विजिंजम पोर्ट की क्षमता और वैश्विक महत्व को रेखांकित करता है।

यह महत्वपूर्ण आगमन ऐसे समय हुआ है जब विजिंजम पोर्ट को हाल ही में, 2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। MSC IRINA के आगमन से यह स्पष्ट हो गया है कि विजिंजम अब अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल्स (ULCVs) को संभालने में पूरी तरह सक्षम है।

जहाज़ की विशेषताएं:

  • कुल क्षमता: 24,346 TEUs

  • लंबाई: 399.9 मीटर (FIFA द्वारा मान्यता प्राप्त फुटबॉल मैदान से लगभग 4 गुना लंबा)

  • चौड़ाई: 61.3 मीटर

  • कंटेनर स्टैकिंग क्षमता: 26 टियर तक

  • कुल कार्बन उत्सर्जन में कमी: 4% तक

  • ऊर्जा-संरक्षण तकनीक से लैस

MSC IRINA को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और इसने अप्रैल 2023 में अपनी पहली यात्रा शुरू की थी। यह जहाज़ विशेष रूप से एशिया और यूरोप के बीच भारी मात्रा में कंटेनरों की आवाजाही के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों में गति और दक्षता दोनों ही बढ़ी है।

यह जहाज़ अपने पूर्ववर्ती OOCL Spain को 150 TEUs से पीछे छोड़ चुका है, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा कंटेनर पोत बनाता है। जहाज़ की ऊर्जा-कुशल तकनीकें इसे न केवल परिवहन में सक्षम बनाती हैं, बल्कि पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप भी बनाती हैं।

विजिंजम पोर्ट की बढ़ती साख:

विजिंजम पोर्ट पहले ही दो अन्य आइकन क्लास पोतों — MSC Türkiye और MSC Michel Cappellini — की मेज़बानी कर चुका है। अब MSC IRINA की मौजूदगी इस बंदरगाह को वैश्विक समुद्री व्यापार के लिए रणनीतिक केंद्र के रूप में और अधिक मज़बूती प्रदान करती है।

MSC IRINA विजिंजम में 9 जून से 10 जून तक रहेगा, जिसके दौरान यह ऐतिहासिक पड़ाव न केवल भारतीय बंदरगाहों की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाएगा बल्कि हरित शिपिंग और आधुनिक समुद्री लॉजिस्टिक्स में भारत की भूमिका को भी स्थापित करेगा।

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