जिसको नया कृषि कानून नहीं चाहिए वो पुरानी व्यवस्था ही अपनाएं: प्रधानमंत्री मोदी
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जिस किसी भी व्यक्ति को नए कृषि कानूनों से दिक्कत हो रही है वह पुरानी व्यवस्था ही अपनाएँ। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ कहा कि नए कानूनों से किसी को समस्या नहीं आएगी, फिर भी जो पुरानी व्यवस्था से संतुष्ट है वह उसे ही अपनाएँ।
कृषि कानूनों पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा, जिनको नया कृषि कानून नहीं चाहिए वो पुरानी व्यवस्था ही अपनाएं, किसान अपना फायदा देखें।
उन्होंने कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि सुधार का सिलसिला महत्वपूर्ण है। हमने इमानदारी से प्रयास किया है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों ने कानून के कलर्स (चर्चा) पर चर्चा जरूर कर रहे थे। अच्छा होता कि उसके कंटेंट पर चर्चा करते। ताकि किसानों तक सही चीज पहुंचती। दादा (कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी) ने भी भाषण दिया। दादा ने बहुत अभ्यास किया होगा हमें उम्मीद थी। दादा बंगाल में हमारे साथी कहां जा रहे हैं यह चर्चा करते रहे।
पीएम मोदी जब जवाब दे रहे थे तो उस समय विपक्ष के सांसदों ने सदन में भारी हंगामा किया। इधर पीएम मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस के सांसद सदन से वॉकआउट कर गये। दरअसल मोदी ने कांग्रेस को कन्फ्यूज पार्टी बताया था।
पीएम मोदी के जवाब के दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया। पीएम मोदी ने कृषि कानून को लेकर जवाब दे रहे थे, उसी समय विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और काले कानून वापस लो के नारे लगाये। दरअसल पीएम मोदी ने कृषि कानून पर जवाब देते हुए कहा, कानून लागू होने के बाद भी एमएसपी बंद नहीं हुए।
पीएम मोदी ने कहा, किसान बतायें कि उनका कौन सा हक छीना गया। इधर पीएम मोदी ने हंगामा कर रहे विपक्ष को भी लताड़ा और कहा, यह हंगामा सोची समझी रणनीति के तहत हो रही है।
मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, इस सदन में सांसदों ने चर्चा को जीवंत रखा है। उन्होंने महिला सांसदों को धन्यवाद दिया और कहा, चर्चा में उनकी अच्छी भागीदारी रही है। पीएम मोदी ने कहा, भारत आजादी के 75वें वर्ष में पहुंचने वाला है। आजादी हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। पीएम मोदी ने कहा, देश ने संकट के समय में भी अपना रास्ता बनाया है।