ट्रोपेक्स 21 डीब्रीफ, सामरिक बातचीत के लिए नौसेना के कमांडर पहुंचे कोच्चि

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कोच्चि में ट्रोपेक्स-21 (थियेटर स्तरीय सामरिक तैयारी अभ्यास) के डीब्रीफ की अध्यक्षता की। यह अभ्यास जनवरी 2021 में शुरू हुआ था जिसमें भारतीय नौसेना के तीनों कमान, पोर्ट ब्लेयर में ट्राई-सर्विस कमान और भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल शामिल थे। यह द्विवार्षिक अभ्यास भारतीय नौसेना द्वारा किया गया सबसे बड़ा अभ्यास है जिसका उद्देश्य युद्ध के समस्त आयामों में युद्ध लड़ने की अपनी अवधारणाओं को मान्यता प्रदान करना है ।

यह अभ्यास हिंद महासागर के विशाल भौगोलिक विस्तार और उसके सहायक जल क्षेत्र पर फैला हुआ था, जिसमें युद्धाभ्यास के दौरान पैदा स्थितियां हिन्द महासागर क्षेत्र की मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के इर्द-गिर्द केंद्रित थीं। इस अभ्यास का उद्देश्य कम तीव्रता वाली उप-पारंपरिक चुनौतियों से निपटने से लेकर उच्च स्तरीय पारंपरिक खतरों तक संघर्ष के समस्त आयामों पर भारतीय नौसेना के दर्शन को मान्यता देना था। जटिल एवं अनेक प्रकार के ख़तरे वाले परिदृश्य में युद्धपोतों, विमानों और पनडुब्बियों से मिसाइलों और टारपीडो की लाइव कॉम्बैट फायरिंग भी की गई ।

इस थिएटर स्तरीय अभ्यास की प्रस्तावना के रूप में जनवरी 2021 के मध्य में एक तटीय रक्षा अभ्यास- सी विजिल का आयोजन किया गया था जिसमें भारत सरकार के सभी हितधारक मंत्रालयों, सभी तटीय राज्यों की राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों, तटरक्षक बल, बंदरगाह प्राधिकरणों, शिपिंग और मछली पकड़ने वाले समुदायों को एक साथ लाकर भारतीय नौसेना के नेतृत्व में युद्धाभ्यास करते हुए देखा गया था। इसके बाद जल-थल-नभ तीनों क्षेत्रों में युद्धाभ्यास (एम्फ़ेक्स-21) किया गया था, जिसमें भारतीय नौसेना के एम्फीबियस जहाज, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की इकाइयों ने बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में संयुक्त अभ्यास किया जिसका उद्देश्य अपने द्वीप क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं का सत्यापन करना था । एम्फेक्स-21 में अनेक चीजें पहली बार हुईं और सेना के तीनों अंगों के बीच सामरिक तालमेल बढ़ाने की दिशा में संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमताओं और मानक परिचालन प्रक्रियाओं को मज़बूत किया।

नौसेना प्रमुख द्वारा सभी ऑपरेशनल कमांडरों के साथ ट्रोपेक्स 21 की एक दिन लंबी समीक्षा में लड़ने की क्षमताओं तथा तैनाती संबंधी दर्शन के यथार्थवादी ऑडिट के साथ सबक सीखने तथा भारतीय नौसेना के सिद्धांतों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के उद्देश्य से युद्धाभ्यास के संचालन का परीक्षण किया। इस अभ्यास से सीखे गए सबक योजनाकारों को नौसेना की संरचनात्मक ज़रूरतों, युद्ध संबंधी अवधारणाओं, सामरिक रसद के साथ साथ सामग्री और प्रशिक्षण संबंधी अनिवार्यताओं का सटीक आकलन प्रदान करेंगे।

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