अमेरिका-भारत कृषि व्यापार पर ट्रंप का कड़ा रुख, चावल और कनाडाई उर्वरक पर नए टैरिफ के संकेत
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि उनकी सरकार भारत से होने वाले चावल के आयात और कनाडा से आने वाले उर्वरक पर नए टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है। व्हाइट हाउस में आयोजित एक बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत और कनाडा के साथ व्यापार वार्ताएं पर्याप्त प्रगति नहीं कर रही हैं, ऐसे में घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
इस बैठक में ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए बहु-अरब डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता किसानों को देगी, जिसे अन्य देशों से लिए जा रहे टैरिफ से वित्त पोषित किया जाएगा।
ट्रंप ने दावा किया, “हम वास्तव में ट्रिलियनों डॉलर ले रहे हैं… देशों ने हमारा फायदा उठाया है, जैसा किसी ने नहीं देखा।”
भारत को लेकर तीखी टिप्पणी
बैठक के दौरान भारत से चावल आयात का मुद्दा प्रमुखता से उठा, जिसे एक लुइज़ियाना के उत्पादक ने अमेरिकी दक्षिणी राज्यों के किसानों के लिए “विनाशकारी” बताया।
जब उन्हें बताया गया कि अमेरिकी खुदरा बाजार में चावल की दो सबसे बड़ी ब्रांड भारतीय कंपनियों की हैं, तो ट्रंप ने कहा, “और हम इसका हल निकालेंगे… टैरिफ दो मिनट में समस्या सुलझा देते हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय कंपनियां “डंपिंग” कर रही हैं और कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।
ट्रंप ने संकेत दिया कि कनाडा से आयात होने वाले उर्वरक पर भी कड़े टैरिफ लगाए जा सकते हैं ताकि घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन मिले।
उन्होंने कहा, “बहुत सारा उर्वरक कनाडा से आता है। अगर ज़रूरत पड़ी, तो हम उस पर भी बहुत सख्त टैरिफ लगा देंगे, क्योंकि इससे स्थानीय उद्योग को मजबूती मिलेगी।”
पिछले दशक में भारत-अमेरिका कृषि व्यापार में वृद्धि हुई है। भारत अमेरिका को बासमती, चावल उत्पाद, मसाले और समुद्री वस्तुएं निर्यात करता है, जबकि अमेरिका से बादाम, कपास और दालें आयात करता है।
हालाँकि, सब्सिडियों, बाजार पहुंच और WTO में चल रही शिकायतों—विशेषकर चावल और चीनी से संबंधित—ने दोनों देशों के बीच समय-समय पर तनाव बढ़ाया है। ट्रंप के इन नए बयानों से संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका कृषि व्यापार में और खिंचाव देखने को मिल सकता है।
