दंगाइयों को ट्रम्प की सख्त चेतावनी, कहा हिंसा बर्दाश्त नहीं की जायेगी

अभिषेक मल्लिक

नई दिल्ली: विश्व का सबसे ताकतवर देश  अमेरिका के कई शहरों में पिछले कुछ दिनों से भड़की हुई हिंसा में कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एक अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मिनियापोलिस पुलिस हिरासत में हुए मौत के बाद भड़की हिंसा ने अमेरिका के तक़रीबन 70 शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है।

प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान पुलिस की गाड़ियों के साथ साथ कई इमारतों को भी आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद वाशिंगटन समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रदर्शनकारियों का एक झुण्ड तो वाइट हाउस को भी घेर लिया था, जिसके बाद पुलिस और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड को उन्हें बाहर करने के लिए आंसू गैस और स्मोक बम का इस्तेमाल करना पड़ा.

हालात इतनी बिगड़ गई कि राष्ट्रपति ट्रंप को वाइट हाउस के बंकर में अंडरग्राउंड होना पड़ा। हालांकि ट्रम्प ने सभी प्रभावित शहरों के गवर्नरो को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
हिंसा के दौरान ही ट्रम्प ने वाइट हाउस के नजदीक करीब 200 साल पुराने चर्च का दौरा किया। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस चर्च में ट्रंप दौरा करने गए उसे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से झड़प के बाद आग लगा दी थी । हालांकि ट्रंप ने कहा कि मैं शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के सहयोगी हूं। लेकिन ट्रंप की यात्रा से पहले प्रदर्शनकारियों को उस क्षेत्र से बाहर कर दिया। रोज गार्डन में ट्रंप के भाषण के दौरान प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।
हालांकि हिंसा की आग में जल रहे देश को काबू में लाने के लिए अब राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी मिलिट्री को उतार दिया है, और कहा है कि अगर प्रदर्शनकारियों ने अगर हिंसा की तो उन्हें पुलिस गोली भी मार सकती है।  ट्रम्प ने शहरों में हो रही हिंसा एवं प्रदर्शन का जिम्मेदार वहां के गवर्नरों को ठहराया है। ट्रंप ने गवर्नरो को कमजोर भी बताया साथ ही उनसे दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की थी।
अमेरिका में एक तरफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं तो दूसरी तरफ कोरोना की मार भी लगातार जारी है। पूरे विश्व में सबसे अधिक अमेरिका में कोरोना ने अपना कहर बरपाया है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने कोरोना के साथ-साथ इन प्रदर्शनकारियों को भी संभालने की चुनौती सामने है। अमेरिका में प्रदर्शन के दौरान कोई सोशल डिस्टेंस का ख्याल नहीं रखा गया। ऐसे में पुराना कोरोना का मामला बढ़ना लाजमी है।

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