उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा एक्ट में संशोधन करेगी, उच्चस्तरीय धार्मिक डिग्रियों की मान्यता खत्म
चिरौरी न्यूज
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत अब केवल कक्षा 12 तक शिक्षा प्रदान करने वाले मदरसों को ही अधिनियम के तहत लाया जाएगा। प्रस्तावित बदलाव के तहत ‘कामिल’ और ‘फजल’ जैसी उच्चस्तरीय धार्मिक डिग्रियों की मान्यता को समाप्त किया जाएगा, जो कुछ मदरसों द्वारा प्रदान की जाती हैं।
यह कदम राज्य में मदरसों की निगरानी को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। संशोधनों का मसौदा तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
नए ढांचे के तहत, जो मदरसे उच्चस्तरीय धार्मिक डिग्रियां प्रदान करते हैं, वे अब मदरसा एक्ट के दायरे में नहीं आएंगे। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट, 2004, राज्य में मदरसा शिक्षा को नियंत्रित करने वाला एक विधायी ढांचा है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मदरसे निर्धारित शैक्षिक मानकों के भीतर कार्य करें और धार्मिक शिक्षा को सांप्रदायिक पाठ्यक्रम के साथ मिलाकर प्रदान किया जाए।
नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा और इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस निर्णय को खारिज कर दिया, जिसमें इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन मानते हुए रद्द कर दिया गया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004 के तहत प्रदान की जाने वाली शिक्षा “अन्य राज्य-मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों” के समान नहीं है, जिससे मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता और सार्वभौमिकता पर सवाल उठे थे।