नारी, महामारी पर भारी

राजेंद्र सजवान

उस समय जबकि देश और दुनिया में कोरोना अपनी दूसरी घातक लहर के साथ आक्रामकता दिखा रहा था, दिल्ली में महिला फुटबाल लीग अपने पूरे उफान पर थी। तमाम विरोध के बावजूद आयोजक दिल्ली साकर एसोसिएशन(फुटबाल दिल्ली) के कान में जूं तक नहीं रेंगी और ना ही भाग लेने वाली लड़कियों ने कदम पीछे हटाया।

दिल्ली में पुरुषों की फुटबाल लीग कोरोना के चलते संभव नहीं हो पाई लेकिन महिला लीग का आयोजन एक साहसिक फैसला था। हालांकि कोरोना के फैलाव के चलते कुछ क्लबों द्वारा मैचों को बीच में रोकने का सुझाव दिया गया, कुछ लोगों ने डराने धमकाने जैसा माहौल भी बनाया लेकिन दिल्ली फुटबाल के मुखिया और उनकी टीम ने किसी की नही सुनी और अंततः सबसे कठिन समय में दिल्ली ने अब तक का सबसे बड़ा और बेहतरीनतम आयोजन कर दिखाया।

बेशक, अध्यक्ष शाजी प्रभाकरन और आयोजन समिति साधुवाद के पात्र हैं। 21 टीमों के साथ आयोजित महिला लीग की कामयाबी से न सिर्फ दिल्ली की महिलाओं को फुटबाल से जुड़ने का संदेश जाएगा अपितु अन्य राज्य भी डीएसए से सीख ले सकते हैं। अच्छी बात यह है कि दिल्ली की फुटबाल ने पड़ोसी राज्यों की खिलाड़ियों के लिए भी अपने दरवाजे खुले रखे हैं। पड़ोसी राज्यों हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय की महिला खिलाड़ी भी प्रमुख क्लबों से खेल रही हैं, जोकि महिला फुटबाल के लिए शुभ संकेत कहा जाएगा।

हंस क्लब की जीत:

लीग कम नॉकआउट आधार पर खेले गए मैचों में अंतिम चार में पहुंचने वाली टीमें दमखम औरप्रतिभा के मामले में लगभग एक जैसी थीं लेकिन मौकों का लाभ उठाने वाली बेहतर टीमों के बीच फाइनल खेला गया और लीग की फेवरिट हंस क्लब ने हॉप्स को अनुष्का के एकमात्र गोल से हरा कर खिताब जीत लिया। तारीफ कीबात यह है कि विजेता टीम की सभी लड़कियां दिल्ली से हैं और प्रतिद्वंद्वी हरियाणा से।

हालांकि विफल रही कुछ टीमों को शिकायत है कि विजेता और उपविजेता सहित अनेक टीमों ने पेशेवर खिलाड़ियों की मदद ली। यदि ऐसा है तो यह भी दिल्ली की फुटबाल के लिए शुभ लक्षण है। पेशेवर होना आज खेल की सबसे बड़ी कसौटी और कामयाबी माना जा रहा है। लेकिन महिला फुटबाल तब ही आगे बढ़ पाएगी जब कुछ औद्योगिक घराने और कंपनियां खिलाड़ियों और क्लबों को स्पांसर करें। फुटबाल दिल्ली के अध्यक्ष शजी प्रभाकरण ने पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर महिला आयोजन समिति की चेयरमैन शिप्रा भाटिया, डॉक्टर आभा जैन , बॉबी और डॉक्टर साइमा भी मौजूद थीं।

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