‘द इमरजेंसी डायरीज़’ पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आपातकाल विरोधी संघर्ष यात्रा का वर्णन, अमित शाह करेंगे विमोचन
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आपातकाल के दौरान उनके अनुभवों को संकलित करने वाली नई पुस्तक ‘द इमरजेंसी डायरीज़ – ईयर्स दैट फोर्ज्ड अ लीडर’ के प्रकाशन से उन्हें खुशी हुई है। यह पुस्तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 25 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर विमोचित करेंगे।
यह पुस्तक ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित की गई है और इसमें नरेंद्र मोदी की उस समय की यात्रा को दर्शाया गया है जब वे एक युवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रचारक के रूप में आपातकाल के दमनात्मक दौर में भूमिगत रूप से कार्य कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं एक युवा आरएसएस प्रचारक था। यह आंदोलन मेरे लिए एक सीखने का अवसर था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा की महत्ता को और मजबूत किया।”
उन्होंने आगे लिखा, “मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच. डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो स्वयं भी आपातकाल विरोधी आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे हैं।”
पुस्तक ‘द इमरजेंसी डायरीज़’ में पीएम मोदी की आपातकाल के दौरान की भूमिगत गतिविधियों, पुलिस से बचने, प्रतिबंधित साहित्य के वितरण और गोपनीय बैठकों के आयोजन की घटनाओं का विवरण दिया गया है। यह किताब प्रधानमंत्री मोदी की आत्मकथा ‘संघर्ष मा गुजरात’ समेत उनके सहयोगियों के प्रत्यक्ष अनुभवों और पुरालेखीय सामग्री पर आधारित है।
ब्लूक्राफ्ट ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “यह पुस्तक बताती है कि कैसे एक युवा नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए साहसिक और गुप्त रूप से कार्य किया। यह उनके नेतृत्व की नींव रखने वाले संघर्षों की दुर्लभ झलक देती है।”
पुस्तक में कहा गया है कि “1975 से 1977 के बीच जब भारत लोकतंत्र के अंधकारमय दौर से गुजर रहा था, नरेंद्र मोदी जैसे युवा कार्यकर्ता लोकतंत्र की लौ जलाए रखने के लिए प्रतिबद्ध थे।” प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से आग्रह किया कि “जो लोग उस दौर को याद करते हैं या जिनके परिवार उस समय पीड़ित रहे, वे अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे आज की पीढ़ी उस शर्मनाक दौर के बारे में जागरूक होगी।”
‘द इमरजेंसी डायरीज़’ न केवल प्रधानमंत्री के शुरुआती जीवन के संघर्षों को उजागर करती है, बल्कि यह बताती है कि कैसे दृढ़ निश्चय, साहस और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण ने भारत के सबसे परिवर्तनकारी नेताओं में से एक को आकार दिया।