पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के बीच हुआ समझौता
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय पारंपरिक चिकित्सा कार्यक्रम के लिए आयुष विशेषज्ञ की प्रतिनियुक्ति के लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व क्षेत्रीय कार्यालय (डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ)के बीचआज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। हस्ताक्षर समारोह नई दिल्ली में डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ में आयोजित किया गया।
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव वैद्य राजेश कोटेचाऔर डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
क्षेत्रीय पारंपरिक चिकित्सा कार्य योजना को लागू करने वाले डब्ल्यूएचओ एसईएआरको समर्थन देने के लिए यह पहल की गई है, जिसमें आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य भारतीय पारंपरिक प्रणालियों सहित पारंपरिक चिकित्सा सेवा के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों से उचित तरीके से जोड़ा गया है। पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में एसईएआरदेशों की क्षमता को मजबूत करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
यह साझेदारी दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों में नीतियों को आगे बढ़ाने और पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका को मजबूत करने के उद्देश्य से कार्य योजनाओं को लागू करने के लिए आयुष और डब्ल्यूएचओ मंत्रालयका संयुक्त प्रयास भी होगा।
इस साझेदारी की शुरुआत के समारोह में, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार के बीच घनिष्ठ सहयोग मैत्रीपूर्ण सहयोग की भावना में आपसी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, कई दशकों से लेकर दोनों पक्षों के बीच 16 जुलाई 1952 को सम्पन्न हुए बुनियादी समझौते जितना पुराना है। आज का समझौता औपचारिक रूप से पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में इस सहयोग का विस्तार करेगा, जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए हमारी साझा खोज में एक महत्वपूर्ण साधन है।’
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचाने कहा कि आयुष मंत्रालय आयुर्वेद, योग और अन्य भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति (आयुष) के क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ के साथ पहले ही विभिन्न प्रकार की बातचीत कर चुका है और ये भारतीय प्रणालियाँ दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों, अफ्रीकी देशों, यूरोपीय देशों, लैटिन अमेरिका आदि में औषधीय प्रणाली के रूप में अधिक लोकप्रिय और स्वीकृत हो रही हैं।
आयुष, सचिव ने कहा कि इस साझेदारी के एक बड़े परिणाम के रूप में, आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ संबंधित देशों में पारंपरिक प्रणालियों को नियमित करने, एकीकृत करने और आगे बढ़ाने के लिए एसईएआर (क्षेत्र) सदस्य देशों के सामने उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों की पहचान करने के लिए काम करेंगे। इसके अलावा, आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ सदस्य देशोंकी उपयुक्त नीतियां बनाने / नियमन ढांचा विकसित करने में मदद करेंगे, सार्वजनिक स्वास्थ्य में टीएम को जोड़ने के लिए दी गई सूचना / गतिविधियों का आदान-प्रदान और समुदाय के लिए टीएम के बारे में जानकारी का प्रसार करेंगे।
इस अवसर पर, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ एसईएआर कार्यालय ने कोविडपर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान परियोजना शुरू करने पर भी सहमति व्यक्त की। इस परियोजना को डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ और आयुष मंत्रालय का संयुक्त सहयोग प्राप्त है।