“क्या मैं टीम की हार की वजह हूं?”: कुलदीप यादव की स्थिति पर बोले आर अश्विन

"Am I the reason for the team's defeat?" - R. Ashwin on Kuldeep Yadav's situationचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कुलदीप यादव की टीम में चयन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जब एक गेंदबाज लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो, फिर भी उसे प्लेइंग इलेवन में जगह न मिले, तो यह उसके आत्मविश्वास को तोड़ सकता है।

“कुलदीप के मन में यह सवाल आ सकता है – क्या मैं टीम की हार की वजह हूं? वह सोच सकते हैं, मैं इतनी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा हूं, फिर भी मैं नहीं खेल रहा, तो क्या मैं इस टीम में समस्या हूं? यह एक बहुत ही तोड़ देने वाली भावना है और हर कोई इसे झेल नहीं सकता। कई खिलाड़ी इस स्थिति में लड़ने की हिम्मत खो बैठते हैं,” अश्विन ने अपने हिंदी यूट्यूब चैनल पर कहा।

तीन ऑलराउंडर और एक स्पेशलिस्ट स्पिनर की मुश्किल

भारत ने हाल ही में एक वर्षा प्रभावित मुकाबले में केवल 136 रन बनाए थे, जिससे गेंदबाज़ी आकलन करना मुश्किल हो गया। लेकिन अगर टीम तीन ऑलराउंडर – नितीश कुमार रेड्डी, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर – को खिलाती है, और सुंदर व अक्षर दोनों फिंगर स्पिनर हैं, तो कुलदीप यादव जैसे विशुद्ध कलाई स्पिनर के लिए टीम में जगह बनाना बेहद मुश्किल हो जाता है।

कुलदीप, जिन्होंने अब तक 113 मैचों में 181 विकेट लिए हैं और भारत के लिए वनडे में दसवें सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, के लिए यह स्थिति मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है।

अगर नितीश हैं, तो कुलदीप क्यों नहीं?

अश्विन ने कहा, “अगर आपके पास नितीश जैसा सीम बॉलिंग ऑलराउंडर है, तो फिर आप अपने सबसे बेहतरीन स्पिनर को क्यों नहीं खिला सकते? मैं इस सोच से सहमत नहीं हूं कि नंबर 8 बल्लेबाज़ टॉप ऑर्डर की रक्षा करेगा।”

वाशिंगटन सुंदर को उनकी बल्लेबाज़ी क्षमताओं की वजह से प्राथमिकता दी जा रही है। वह एक नियंत्रित गेंदबाज़ हैं जो रन गति पर अंकुश लगाकर विकेट निकालने की रणनीति अपनाते हैं। वहीं कुलदीप यादव एक अटैकिंग विकल्प हैं, जो फ्लाइट, डिप और गूगली जैसी विविधताओं से बल्लेबाज़ों को चकमा देते हैं।

हालांकि रिस्ट स्पिनर के साथ जोखिम भी होते हैं, खासकर जैसे एडिलेड जैसे मैदानों में जहां बाउंड्री छोटी होती हैं और गेंद को पुल या कट कर पाना आसान हो जाता है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल इस स्थिति को कैसे संभालते हैं। उन्हें तय करना होगा कि वे एक “सुरक्षित लेकिन सीमित विकल्प” जैसे वाशिंगटन सुंदर के साथ जाते हैं या फिर एक “उच्च जोखिम-उच्च पुरस्कार” खिलाड़ी जैसे कुलदीप यादव पर दांव लगाते हैं।

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