‘जय श्री राम’ और ‘मोदी ज़िंदाबाद’ का नारा ना लगाने पर राजस्थान में ऑटो चालक के साथ की गई मारपीट

Satara violence: One dead, 8 injured in clash over 'objectionable' social media post; 23 arrestedशिवानी रज़वारिया

अयोध्या में राममंदिर भूमि पूजन के ठीक 3 दिन बाद राजस्थान से “राम” नाम पर एक ऐसी घटना सामने आई है जो सवालों के साथ साथ डर का माहौल पैदा करने के लिए काफी है। राजस्थान के सीकर जिले में  एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने “मोदी जिंदाबाद” और “जय श्री राम” का नारा लगाने से इनकार कर दिया जिसके बाद आटो चालक के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ऑटोरिक्शा ड्राइवर का नाम गफ्फार अहमद है जिनकी उम्र 52 साल है। गफ्फार ने अपने साथ हुई  मारपीट की घटना को लेकर सीकर सदर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी।

गफ्फार अहमद ने शिकायत में लिखवाया है कि वो कल्याण सर्किल एरिया से सवारी लेकर जिगरी छोटी गांव पहुंचे थे। यात्री को गंतव्य स्थल पर पहुंचाकर जब वह वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में पिक-अप वैन में बैठे कुछ लोगों ने उन्हें रुकने को कहा। और वह रुक गए। उसके बाद उनसे जय श्री राम और मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने को कहा गया।

पुलिस में दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक, ‘पिक-अप में बैठे एक शख्स ने गफ्फार अहमद से मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने को कहा। साथ ही उसके मुंह पर एक थप्पड़ मारा। उसके बाद उसने जय श्री राम के नारे लगाने को कहा। फिर गफ्फार अपना रिक्शा स्टार्ट कर वहां से दूर निकल गया। कुछ आगे जाकर उन लोगों ने चालक को ओवरटेक किया और सामने से हमला बोल दिया। इसके बाद रिक्शा चालक गफ्फार बेहोश हो गए।’

गफ्फार अहमद के माथे और पीठ पर काफी चोटें आई हैं। लात और मुक्कों से हमलावरों ने उन्हें पीटा। पुलिस ने फिलहाल मामले की शिकायत दर्ज़ हो गई है और पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। राजेंद्र और शंभू दयाल नाम के दो शख्स जो वहां के स्थानीय निवासी हैं। ये दोनों जगदलपुर और जिगर छोटी इलाके के रहने वाले हैं। जिन दो हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है इनके खिलाफ पहले से भी लूटपाट और मारपीट के कई केस दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपी के पास से पिकअप वैन भी जब्त की है।

धर्म के नाम पर दबंगई दिखाने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं हाल ही में एक वीडियो खूब वायरल हुआ था जिसमें नेपाल के एक नागरिक के साथ ऐसा ही बर्ताव किया गया था और बनारस पुलिस एक्शन में आई थी। पर उस वीडियो की सच्चाई जल्द ही सामने आ गई थी। पर सवाल ये उठता है कि आख़िर धर्म के नाम पर ढोंग रचने वाले ये लोग कौन है जो देश का मौहोल बिगाड़ने पर आतुर हैं। जब भी शांति की किरण दिलों में सौहार्द की रोशनी बिखेर रही होती है तभी ऐसी घटनाएं उस रोशनी को फिका कर देती है ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होनी बहुत आवश्यक है जो देश में एक डर पैदा करते हैं।

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