बिहार को देश का अगला आईटी हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है बिहार सरकार: जिबेश कुमार, आईटी मंत्री

चिरौरी न्यूज़

पटना: तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे के साथ, बिहार देश का अगला आईटी हब और आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का केंद्र बनने का इरादा लेकर तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। ‘‘उद्यमियों और निवेशकों को आईटी उद्योग में निवेश हेतु प्रोत्साहित करने और बिहार को सबसे सुविधाजनक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा ‘इन्वेस्ट आईटी बिहार अभियान‘ के तहत निवेश करने की पहल करते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। पटना के बिस्कोमान टावर में स्टार्ट-अप हब में निःशुल्क किराए के साथ कार्यान्वयन इसी पहल का हिस्सा है।

श्री जिबेश कुमार, माननीय मंत्री, सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार ने बताया कि ‘‘उद्यमियों और निवेशकों को आईटी उद्योग में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने और बिहार को सबसे उपयुक्त निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए, विभाग ‘इन्वेस्ट आईटी बिहार अभियान‘ कार्यक्रम के तहत निवेश करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। पटना के बिस्कोमान टावर के स्टार्ट-अप हब में मुफ्त रेंटल पर जगह उपलब्ध करवाना, इसी पहल का एक हिस्सा है। हम निवेशकों को बिहार में आईटी उद्योग में निवेश करने और इसे पूर्वी भारत में एक प्रमुख आईटी हब में बदलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।‘‘

सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार ने पटना के बिस्कोमा टॉवर की 9वीं और 13वीं मंजिल पर 12,000 वर्ग मीटर में वाई-फाई युक्त 78 वर्कस्टेशन, 33 केबिन और 60 सीटों वाला कॉल सेंटर बनाया है। विभाग को अब तक बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट जैसे स्टार्ट अप से इस निःशुल्क किराए पर उपलब्ध कार्यालय के लिए पंजीकरण शुल्क के साथ 80 से अधिक रजिस्ट्रेशन और 48 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

कोविड 19 महामारी के दौरान जिसने दुनिया भर में लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया, तकनीक एक बार फिर जीवन रक्षक साबित हुई। हमारे देश ने मानव इतिहास में सबसे लंबे समय तक कर्फ्यू का अनुभव किया है। घातक कोरोनावायरस बीमारी के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए ‘‘लॉकडाउन‘‘ एक आवश्यक कदम था, लेकिन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले भारत पर राष्ट्रीय लॉकडाउन को लागू करना एक कठिन निर्णय था। कई मायनों में, तकनीक ने कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और इन परिस्थितियों में, बिहार राज्य ने घातक कोरोनावायरस के तेजी से प्रसार से निपटने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया है ।

कई कार्यालयों ने बैठकों और सम्मेलनों के लिए क्लाउड-आधारित कंप्यूटरों और वेब अनुप्रयोगों की मदद से दूरस्थ संचालन शुरू कर दिया है। विभिन्न कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए गए हैं और कई सेमिनारों को सफलतापूर्वक वेबिनार में बदल दिया गया है। ई-कॉमर्स ने इस अवधि के दौरान राज्य भर में ऑनलाइन ऑर्डर की बढ़ती संख्या के साथ अपनी उत्पाद लाइन का तेजी से विस्तार किया।

स्वास्थ्यकर्मियों की सुविधा के लिए घर पर आइसोलेटेड पड़े ब्व्टप्क् संक्रमित रोगियों का पता और ट्रैक करने में उनकी मदद के लिए बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एंड्रॉइड-आधारित ऐप ¼HIT& COVID½ को लॉन्च किया गया। इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने HIT&COVID  ऐप के इस अभिनव सोच और सफल क्रियान्वयन की प्रशंसा की। यह ऐप स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर में ब्व्टप्क् पॉजिटिव रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखने में और उचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है।

बिहार ने विकास के सभी क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। वास्तव में, बिहार देश में जीडीपी वृद्धि के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। पटना में पहले सूचना और प्रावैधिकी (आईटी) पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है। बिहार में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में भारी वृद्धि हुई है। वर्तमान में, राज्य के प्रति व्यक्ति की एनएसडीपी (2015 और 2021 के बीच) 13.41ः के सीएजीआर से बढ़ी है। राज्य सरकार ने राजगीर, नालंदा में 100 एकड़ भूमि पर एक आईटी सिटी बनाने का निर्णय लिया। इसके अलावा, पटना के बिहटा में प्रस्तावित अत्याधुनिक आईटी पार्क के निर्माण, निरंतर बिजली की व्यवस्था के साथ एक बेहतर वेब नेटवर्क के लिए 25 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की है। इस संबंध में, आईटी ध् आईटीईएस और उपकरण संस्थानों के लिए राज्य सरकार द्वारा आईटी टावरों का निर्माण भी किया जा रहा है। बिहार सरकार युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने और देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

बिहार में सस्ते और कुशल श्रमिकों की कोई कमी नहीं है, जो निवेशकों को इस राज्य में निवेश के लिए आकर्षित करेगा। निवेशकों को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए पॉलिसियों में भी राहत दी जा रही है । बिहार सरकार के सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा उठाए गए इन कदमों से देश को इस क्षेत्र में एक मजबूत और टिकाऊ आईटी हब के रूप में अपनी पहचान विकसित करने और राज्य के नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।

 

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