आइसोलेशन इकाई के रुप में 7 राज्यों के 17 स्थानों पर कोविड केयर कोच कार्यरत
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: कोविड-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में, रेलवे के अधिकारियों और टीम ने समय-समय पर और समन्वित कार्रवाई के माध्यम से राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन तक पहुंचने के लिए प्रयास जारी रखा है। केंद्रित निगरानी और कार्यों के विस्तृत प्रोटोकॉल के माध्यम से, रेलवे ने राज्यों की मांग के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में आइसोलेशन कोच पहुंचा दिया है। प्लेटफॉर्म पर तैनात किए गए आइसोलेशन कोचों को विधिवत रूप से बंद कर दिया गया है और उन्हें अलग जगह खड़ा किया गया है और वहां ड्यूटी पर चिकित्सा कर्मियों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जहां पीपीई किट को निकालने और पहने की स्थायी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, रेलवे ने पुरुषों और महिला स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोचों में अलग से अस्थायी व्यवस्था प्रदान करने का प्रयास किया है। आरपीएफ स्टाफ को चौबीसों घंटे इन स्वास्थ्य सुविधाओं की देखभाल के लिए तैनात किया गया है। रेलवे ने आपात स्थितियों में प्रत्येक कोच में 2 ऑक्सीजन सिलेंडर और आग बुझाने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, रेलवे ने इन कोचों में मरीज के आने-जाने के लिए के लिए रास्ते का मार्गदर्शन, रैंप सुविधा भी तैयार की है।
इन आइसोलेशन कोच को देश के 7 राज्यों के 17 स्टेशनों पर तैनात किया गया है और वहां कोविड केयर के मरीजों के लिए खान-पान की व्यवस्था की जाती है। वर्तमान में विभिन्न राज्यों को 4700 बिस्तर वाले 298 कोविड केयर कोच को सौंप दिए गए हैं । 7 राज्यों में कोच की तैनाती इस प्रकार है:
इसके तहत रेलवे ने महाराष्ट्र राज्य में 60 कोच तैनात किए हैं। ऐसा देखा गया है कि नंदरबार में कोविड रोगियों का पंजीकरण न केवल बढ़ा है बल्कि आइसोलेशन अवधि के बाद चिकित्सीय सुविधा के बाद तेजी से मरीज ठीक भी हुए हैं। अब तक राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा 116 रोगियों का पंजीकरण किया गया और उसमें से 93 मरीज राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के जरिए इलाज कराकर स्वस्थ हुए जबकि 23 मरीज अभी इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। रेलवे ने अजनी इनलैंड डिपो पर मौजूद 11 कोविड केयर कोच (जिसमें से एक कोच में विशेष रूप से चिकित्सा कर्मी और आपूर्ति की व्यवस्था की गई है) को नागपुर नगर निगम को सौंप दिया है। यहां 9 मरीजों को भर्ती किया गया और सभी को आइसोलेट कर दिया गया। पालघर में जहां रेलवे ने हाल ही में 24 कोच प्रदान किए हैं वहां भी अब यह सुविधा शुरू हो गई है।
रेलवे ने मध्य प्रदेश में 42 कोच तैनात किए हैं। पश्चिम रेलवे के रतलाम डिवीजन ने इंदौर के पास तिही स्टेशन पर 320 बेड की क्षमता वाले 22 कोच तैनात किए हैं। यहां अब तक 21 मरीजों को भर्ती किया गया है जबकि 7 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। वहीं भोपाल में 20 कोच तैनात किए गए हैं। इस सुविधा में, नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 11 रोगियों के साथ 29 लोगों को भर्ती किया चुका है। आज की तिथि में 18 मरीज इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सुविधा में 302 बिस्तर उपलब्ध हैं।
कोरोना संकट और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रही दिल्ली के लिए थोड़ी राहत की खबर है. पिछले 24 घंटों में राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 17,364 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान शहर में 332 मरीज़ों की मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इतने ही वक्त में 20,160 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं.
इन नए मामलों के साथ दिल्ली में अब कोरोना संक्रमण के कुल मामले 13 लाख 10 हज़ार 231 हो गए हैं. इसके अलावा मौत का कुल आंकड़ा 19,071 तक जा पहुंचा है. दिल्ली में अब तक 12 लाख 3 हज़ार 253 मरीज़ ठीक हो चुके हैं.
आज दिल्ली में कोरोना पॉजिटिविटी रेट यानी संक्रमण की दर 23.34 फीसदी है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान 74384 कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए हैं, जिनमें 62921 टेस्ट आरटीपीसीआर/सीबीनैट के ज़रिए हुए हैं.
कोरोना ग्राफ में मामूली गिरावट
आपको बता दें कि शुक्रवार को 24 घंटों के दौरान दिल्ली में 19,085 लोग संक्रमित हुए थे और 341 मरीजों की मौत हुई थी. इतने ही समय में 19,085 मरीज ठीक भी हुए थे. इससे पहले गुरुवार को 19,133 नए मामलों की पुष्टि हुई थी और 335 मरीजों की मौत हो गई थी. बुधवार को कोरोना से 20,960 लोग संक्रमित हुए थे और 311 मरीजों की जान चली गई थी. वहीं मंगलवार को संक्रमण के 19,953 नये मामले सामने आए थे और 338 मरीजों की मौत हो गई थी.
शहर में सोमवार को 18043 नए मामलों की पुष्टि हुई थी और सर्वाधिक 448 मरीजों की जान चली गई. रविवार को 20,394 नए मामले आए थे और 407 मरीजों की मौत हुई थी. दिल्ली में एक दिन में 20 अप्रैल को सबसे अधिक 28395 लोग संक्रमित हुए थे.