बिहार में चुनाव से पहले ही महागठबंधन का कलह गहराया

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर टकराव दिखाई देने लगा है। बिहार में पिछले कुछ दिनों में जो राजनीतिक घटनाक्रम में तेज़ी आई है वो महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने का इशारा कर रही है।

शुरुआत कांग्रेस की तरफ से हुई और उसने अपने आपको महागठबंधन का लीडर बताते हुए सबसे अधिक सीटों पर टिकट का दावा ठोक दिया, वहीँ अब जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी की तिकड़ी ने भी राष्‍ट्रीय जनता दल पर दबाव बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि इस तिकड़ी को कांग्रेस का समर्थन है। हालांकि, आरजेडी किसी समझौते के मूड में नहीं दिख रहा।

एक जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात महागठबंधन के तीन छोटे घटक दलों राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा सुप्रीमो जीतनराम मांझी तथा विकासशील इन्‍सान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी की एक साथ मीटिंग हुई जिसमे सीट शेयरिंग की बात हुई है। एक साथ जुटे। इन तीनों नेताओं की मीटिंग सीट शेयरिंग व महागठबंधन के नेतृत्‍व के मुद्दों पर कांग्रेस के आरजेडी विरोधी बयान के ठीक बाद हुई। अब पटना के राजनीतिक गलियारों में इन तीनों नेताओं की इस गुप्‍त बैठक के राजनीतिक निहितार्थ तलाशें जा रहे हैं।

जहाँ तक मांझी का सवाल है वो पहले से ही कहते आ रहे हैं कि महागठबंधन में समन्‍वय समिति होनी चाहिए। वे कहते रहे हैं कि यही समन्‍वय समिति महागठबंधन के नेतृत्‍व के साथ तमाम बड़े फैसले करे।

इधर शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर भी बड़े नेताओं की एक बैठक हुई जिसमें बिहार विधानसभा से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, अखिलेश सिंह, तारिक अनवर व धीरज कुमार जैसे नेता शामिल हुए थे। बैठक के माधयम से कांग्रेस ने सीट-शेयरिंग (एवं नेतृत्‍व के मुद्दों को लेकर आरजेडी पर दबाव बढ़ाया। बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का अपना फॉर्मूला देते हुए कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में गठबंधन में साथ रहे जनता दल यूनाइटेट की 102 सीटों का महागठबंधन के घटक दलों के बीच बंटवारा हो तथा सबसे अधिक हिस्सा कांग्रेस को मिले।

इधर महागठबंधन का सबसे बड़ा दल आरजेडी समझौते के मूड में नहीं दिख रही है। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी के अनुसार केवल सीट लेने से कोई चुनाव नहीं जीत जाता। कांग्रेस को अपनी जमीनी हकीकत नहीं भूलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन का नेतृत्‍व आरजेडी ही करेगा और इस मुद्दे पर आरजेडी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बात नहीं करेगा, सभी मुद्दों पर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्‍व से बातचीत कर ली जाएगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *