भारतीय खाद्य निगम ने सभी 36 राज्यों को मई तथा जून के लिए 76.72 लाख मीट्रिक टन मुफ्त खाद्यान्न दिया
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय खाद्य निगम ने सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 21 जून 2021 तक 76.72 लाख मीट्रिक टन मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की है। 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों अर्थात आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुद्दुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा एवं पश्चिम बंगाल ने मई-जून 2021 के लिए आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न उठा लिया है।
14 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों यानी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, असम, बिहार, दमन दीव दादरा एवं नगर हवेली, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड ने मई, 2021 का शत प्रतिशत आवंटित अनाज उठा लिया है और जून, 2021 के लिए यह अभी जारी है।
एफसीआई ने पहले ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक की व्यवस्था कर ली है। फिलहाल केंद्रीय पूल के तहत 593 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 294 लाख मीट्रिक टन चावल (कुल 887 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न) उपलब्ध है।
एफसीआई सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है। पहली मई 2021 से एफसीआई द्वारा 2353 खाद्यान्न रेक लोड किए गए हैं, यानी दैनिक आधार पर औसतन 45 रेक लोड हुए।
भारत सरकार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न के वितरण को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए संवेदनशील बनाया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना मौजूदा कोविड महामारी के दौरान पात्र लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान कर रही है और इस प्रकार से लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा भी मिल रही है।
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की घोषणा की थी, ताकि कोरोना वायरस के कारण आये आर्थिक व्यवधान की वजह से गरीबों को होने वाली परेशानी को दूर किया जा सके। इस योजना के तहत एनएफएसए के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को 5 किलो प्रति व्यक्ति प्रतिमाह निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।