मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे

अभिषेक मल्लिक

नई दिल्ली: कानपुर पुलिस के आठ जवानों का एनकाउंटर करने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे आज उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हाथों मुठभेड़ में मारा गया। ये मुठभेड़ तब हुई जब विकास को उज्जैन से ला रही एसटीएफ की गाडी कानपुर से 25 किलोमीटर दूर एक हाईवे पर पलट गयी और विकास मौका देखकर पुलिस से एक पिस्टल छीन कर भागने लगा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वो पुलिस पर गोली चलाते हुए भागने लगा, जवाबी गोलीबारी में विकास दुबे मारा गया।

पुलिस ने बताया की मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे को सीने और कमर में चार गोलियां लगी और गाड़ी में बैठे सभी पुलिसकर्मी घायल हो गए। विकास को घायल अवस्था में कानपुर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिनका इलाज़ कानपुर के हॉस्पिटल में चल रहा है।

कानपुर के आइजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में चार पुलिस के जवान घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है। उधर डॉक्टर ने विकास की मौत की पुष्टि कर दी है। इस घटना के बाद सवालो का सैलाब सा उठने लगता है कि उस काफ़िले के साथ आ रही मीडिया को टोल पर ही क्यों रोक दिया गया था। क्या विकास दुबे गाड़ी में पुलिस वालों को परेशान कर रहा था, इसी वज़ह गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हुई। इस तरह के कई सवाल अब सभी के मन मे उठ रहें हैं।

हिस्ट्रीशीटर विकास को कड़ी सुरक्षा के बीच यूपी पुलिस उज्जैन से कानपुर ला रही थी। रात के तीन बजे के करीब उसका काफिला झांसी टोल प्लाजा से गुजर रहा था उस वक़्त वहां के लोकल गाड़ियों की आवाजाही को बिल्कुल रोक दिया गया था, ताकि विकास दुबे कोई चाल न चल सके। इस घटना में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बहुत कुछ साफ हो जाएगा।

बता दें कि विकास दुबे को कल मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही थी और उसने कई सारे चौंकाने वाले खुलासे किये थे। आज उसके एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गयी है और आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चुका है।

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