ऑनलाइन एजुकेशन का बढ़ता दौर

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: जैसा की सर्विदित है कि कोरोना वायरस के कारण बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है ताकि बच्चों की पढ़ाई निरंतर चलती रहे और कोरोना से बचाव के लिए नियम का पालन भी किया जा सके और बच्चों की पढ़ाई भी न छूटे। ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी ऑनलाइन क्लासेस से जुड़ रहे हैं, वहीं बच्चों को भी ऑनलाइन क्लासेस में मजा आने लगा है। उन्हें टीचर्स द्वारा प्रोजेक्ट भी दिए जा रहे, साथ ही उन्हें रचनात्मक कार्यों से भी जोड़ा जा रहा है। लेकिन हर चीज के 2 पहलू होते हैं। ये ऑनलाइन क्लासेस जहां बच्चों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं, तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी सामने आ रहे हैं।

इसी सम्बन्ध में बात करते हुए जाने माने शिक्षाविद, इंडिया पीस एम्बेसडर व पिंगाकश इंटरनेशनल कंसलटेंट के डायरेक्टर डॉ वरुण गुप्ता ने कहा, कि हर चीज के फायदे व नुकसान होता है। अगर ऑनलाइन एजुकेशन के फायदे की बात की जाये तो यह अभी नहीं भविष्य में भी बहुत से छात्र छात्राओं के लिए मददगार होगा। इसके साथ ही जो गृहिणियां अपने घर को सँभालने के साथ-साथ अपनी आगे की शिक्षा को भी जारी रखना चाहती हैं उनके लिए ऑनलाइन एजुकेशन वरदान सिद्ध होगी। आज जब पूरा विश्व कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है, एक ऑनलाइन शिक्षा का ही ऐसा माध्यम है जिसके कारण बच्चों की शिक्षा सुचारु तौर पर चल रही है। पर इसका नुकसान है कि बच्चों की आँखों में जोर पड़ना और सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर होने। इसलिए यह तब तक अच्छी है जब तक इसका सही उपयोग हो।

सैयद मसूद, डायरेक्टर हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड कम्युनिकेशन (हिमकॉम) के अनुसार, “ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से बच्चों का सिलेबस तो पूरा होगा ही साथ में वह  कोरोना काल में सुरक्षित भी हो रहे हैं  क्योंकि इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन  किया जा रहा है, वहीं पढ़ाई पर भी इसका असर नहीं पड़ रहा। वर्तमान समय की मांग ही ऑनलाइन क्लास है। आशा की जा सकती है कि जल्दी ही स्थिति सामान्य हो जाये और बच्चे वापस क्लासरूम में आ जाएँ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *