भारत की ‘अजेय’ एयर डिफेंस वॉल ने पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों को किया नाकाम

India's 'invincible' air defense wall thwarted Pakistani missile and drone attacks
( FIle Photo/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारत की ‘अजेय और अभेद्य’ वायु रक्षा प्रणाली ने इस सप्ताह पाकिस्तान से हुए दो हमलों को महज़ 48 घंटों के अंदर नाकाम करते हुए यह साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा व्यवस्था हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर दागे गए मिसाइलों को भारतीय वायुसेना ने सफलतापूर्वक नष्ट किया।

पहला हमला 7 मई की रात शुरू हुआ — कुछ ही घंटे बाद जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी शिविरों को नष्ट किया था। इस हमले में पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों के आसपास सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। लेकिन भारतीय वायुसेना ने रूस से प्राप्त S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली और इज़रायली HARPY ड्रोन के संयोजन से हमले को नाकाम कर दिया।

कुछ घंटों बाद पाकिस्तान ने दूसरा हमला शुरू किया। पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में सायरन बजने लगे और ब्लैकआउट का आदेश जारी कर दिया गया। लेकिन एक बार फिर, भारतीय एयर डिफेंस ने दुश्मन के हमले को विफल कर दिया।

भारतीय वायुसेना ने दो पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को भी मार गिराया, जिनमें एक अमेरिकी F-16 शामिल था जिसे सरगोधा बेस से उड़ान भरने के तुरंत बाद सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से निशाना बनाया गया।

भारत की ‘आयरन डोम’

सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने इस हमले का जवाब देने के लिए एंटी-एयरक्राफ्ट गन, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और एकीकृत काउंटर-यूएएस (C-UAS) ग्रिड का इस्तेमाल किया।

C-UAS ग्रिड, जो ड्रोन और मिसाइल जैसे हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिए बनाया गया है, रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर से लैस है, जो खतरों की पहचान कर उन्हें ट्रैक करता है। यह प्रणाली रेडियो सिग्नल जैमिंग और इंटरसेप्टर प्रोजेक्टाइल से जवाब देती है।

भारत जैसे विशाल भूभाग के लिए यह प्रणाली बेहद अहम है, क्योंकि यह वायुसेना को अपने संसाधनों को रणनीतिक रूप से तैनात करने की सुविधा देती है।

बहु-स्तरीय सुरक्षा कवच:

  • S-400 ट्रायंफ: रूस निर्मित यह प्रणाली 600 किमी दूर से खतरे को ट्रैक कर सकती है और 400 किमी के दायरे में उन्हें मार गिरा सकती है। इसका उपयोग लगभग सभी आधुनिक युद्धक विमानों के विरुद्ध किया जा सकता है।
  • SAMAR: कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली प्रणाली है, जो 12 किमी की रेंज में उड़ रहे लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है।
  • आकाश मिसाइल प्रणाली: यह स्वदेशी प्रणाली 50 किमी की दूरी तक के खतरों को एक साथ ट्रैक और नष्ट कर सकती है। इसमें ECCM विशेषताएं भी हैं जो दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से निपटने में सक्षम बनाती हैं।
  • S-125 पेचोरा: पुराने लेकिन प्रभावी रूसी प्रणाली, जो ड्रोन, हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स को निशाना बना सकती है।
  • VSHORAD: यह बहुत ही छोटी दूरी के लिए उपयोग में लाया जाने वाला हथियार है जिसे कंधे से या ट्राइपॉड पर रख कर दागा जा सकता है।

इन सभी प्रणालियों का समन्वय भारतीय आसमान की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है और दुश्मन को करारा जवाब देने की क्षमता प्रदान करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *