सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में टकराव, दोनों तरफ के सैनिकों को आई मामूली चोटें

After the skirmish with China, the commandos of India's Quick Reaction Team did training in Tawangन्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: भारतीय और चीन की सेनाओं के बीच अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर तनाव की ख़बरें तो आती ही रहती है, लेकिन अब नॉर्थ सिक्किम के नाकु ला सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की घटना सामने आई। इस झड़प में, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 चीनी सैनिक और 4 भारतीय सैनिक घायल हुए हैं।

सेना के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि उत्तरी सिक्किम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हुआ जिसमें दोनों पक्षों के सदस्यों को मामूली चोटें आई हैं। दोनों ओर से भारी तनाव और बहसबाजी हुई। हालांकि, बाद में स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद दोनों देशों के सैनिक अपनी अपनी पोस्ट पर वापस लौट गए। सेना के सूत्रों ने बताया कि सीमा विवाद के चलते सैनिकों के बीच ऐसे छोटे-मोटे विवाद अक्सर होते रहते हैं।

ऐसा नहीं है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच सिक्किम में टकराव पहली बार हुआ है। इससे पहले साल 2017 में दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में भीषण तनाव देखने को मिला था। दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की घटना के बाद विदेश मंत्रालय और दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय तक हलचल रही।
दरअसल विवाद की मुख्य वजह चीनी सेना द्वारा इस इलाके में सड़क निर्माण करने की कोशिश करना है। चीन पहले ही चुंबी घाटी इलाके में सड़क बना चुका है, जिसे वह और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। चुम्बी घटती की यह सड़क भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर, जो ‘चिकन नेक’ के नाम से मशहूर है, से महज पांच किमी दूर है। यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से जोड़ता है। इसी कारण से भारतीय सैनिकों और चीनी सेना के बीच अक्सर टकराव होता रहता है।
भारत का चीन के साथ सीमा विवाद बहुत ओउराना है। चीनी सैनिक बेहद आक्रामक रुख रखते हैं और हमेशा भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं। भारतीय सैनिकों की सतर्कता के कारण उनका प्रयास हमेशा असफल ही होता है, जो टकराव कि वजह है। भारत और चीन के बीच चार हजार किलोमीटर से अधिक लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तीन सेक्टरों पूर्वी, मध्य और पश्चिमी सेक्टर में बंटी है। पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश का इलाका पड़ता है जिसके 90 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके पर चीन अपना कब्जा बताता है। मध्य सेक्टर में उत्तराखंड, हिमाचल और सिक्किम हैं। इस इलाके में भी उत्तराखंड के बाराहुती क्षेत्र पर चीन दावा बताता है। पश्चिमी सेक्टर में लद्दाख और अक्साई चिन का इलाका है।

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