मायगॉव ने भारतीय भाषा को सीखने का ऐप बनाने के लिए इनोवेशन चैलेंज शुरू किया

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: मायगॉव, भारत सरकार का नागरिक से जुड़ने का मंच, ने उच्च शिक्षा विभाग के साथ मिलकर भारतीय भाषा को सीखने का एक ऐप बनाने के लिए इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है। यह इनोवेशन चैलेंज विभिन्न घटकों के बीच ज्यादा से ज्यादा आपसी संवाद के जरिए भारत की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्पना को आगे ले जाने के लिए शुरू किया गया है।

मायगॉव ने एक ऐप बनाने के लिए इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है, जो व्यक्तियों को किसी भी भारतीय भाषा के सरल वाक्यों को सीखने और भाषा का कामकाजी स्तर का ज्ञान पाने में सक्षम बनाएगा। इस चैलेंज का उद्देश्य एक ऐसा ऐप बनाना है जो क्षेत्रीय भाषा की साक्षरता बढ़ाए, जिससे देश के भीतर ज्यादा से ज्यादा सांस्कृतिक समझदारी पैदा की जा सके। इनमें जिन प्रमुख मापदंडों पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें उपयोग करने में सहजता, सरलता, ग्राफिकल यूजर इंटरफेस, खेल जैसी रुचि पैदा करने वाली विशेषताएं (गैमिफिकेशन फीचर्स), यूआई, यूएक्स और बेहतर सामग्री शामिल होंगे, जो एक भारतीय भाषा को सीखना आसान और रोचक बना सके।

इनोवेशन चैलेंज सभी भारतीय व्यक्तियों, स्टार्टअप्स और कंपनियां के लिए खुला है। मायगॉव की कल्पना है कि ऐप मल्टी-मॉड्यूलर बने, जिसमें लिखित शब्द, आवाज और वीडियो/विज़ुअल के माध्यम से सिखाने की क्षमता हो। ऐप डेवलपर्स भाषा सीखने वालों के जुड़ाव के लिए कई इंटरफेस का प्रस्ताव दे सकते हैं। इनोवेशन चैलेंज को https://innovateindia.mygov.in/indian-language-app-challenge/ पर जाकर देखा जा सकता है। उस पेज में चैलेंज के जुड़े सभी नियम और शर्तों को बताया गया है और प्रतिभागियों को साइट को देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

इनोवेशन चैलेंज 27 मई 2021 को बंद हो जाएगा। ऐप की प्रोटोटाइप प्रस्तुतियों का मूल्यांकन करने के बाद, शीर्ष 10 टीमों को प्रस्तुतीकरण देने के लिए बुलाया जाएगा और एक निर्णायक मंडल की ओर से शीर्ष 3 प्रतियोगियों का चयन किया जाएगा। इन शीर्ष तीनों चयनित प्रतियोगियों को ऐप को बेहतर बनाने के लिए 20 लाख, 10 लाख और 5 लाख रुपये की राशि की जाएगी। समाधानों का मूल्यांकन नवाचार, सोपानीयता (स्केलेबिलिटी), उपयोग करने की सरलता (यूजेबिलिटी), अंतरसक्रियता (इंटरऑपरेबिलिटी), शुरू करने/बंद करने में सरलता और अभियान जैसे व्यापक मानकों के आधार पर किया जाएगा।

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