नीरज चोपड़ा ने तोड़ा 90 मीटर का मिथक, दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर भाला फेंककर रचा इतिहास

Neeraj Chopra broke the myth of 90 meters, created history by throwing 90.23 meters javelin in Doha Diamond Leagueचिरौरी न्यूज

दोहा/नई दिल्ली: भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने आखिरकार वह कर दिखाया जिसका इंतज़ार वर्षों से था। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और विश्व चैंपियन नीरज ने दोहा डायमंड लीग 2025 में 90 मीटर की जादुई दूरी पार करते हुए भाला फेंक प्रतियोगिता में 90.23 मीटर का ऐतिहासिक थ्रो किया।

यह कारनामा उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में किया, जिससे न केवल उन्हें प्रतियोगिता में बढ़त मिली बल्कि पूरे स्टेडियम में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई।

इस थ्रो के साथ, नीरज चोपड़ा अब उन चुनिंदा खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने 90 मीटर से अधिक की दूरी हासिल की है — जिसमें पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन अर्शद नदीम भी शामिल हैं।

90 मीटर: एक सपना, जो अब हकीकत बना

नीरज चोपड़ा के लिए 90 मीटर की दूरी सिर्फ एक आँकड़ा नहीं थी — यह एक प्रतीक थी, एक ऐसी दीवार जिसे वे कई बार तोड़ने के करीब पहुंचे थे, लेकिन हमेशा कुछ सेंटीमीटर पीछे रह गए।
88 और 89 मीटर की रेंज में लगातार सफलता के बावजूद, हर बार एक ही सवाल उभरता रहा: “नीरज 90 मीटर कब पार करेंगे?”
और अब, उस सवाल का जवाब नीरज ने पूरे आत्मविश्वास और ताकत के साथ दिया है।

नए कोच, नया मुकाम

इस उपलब्धि के पीछे उनके नए कोच जान ज़ेलेज़नी का भी बड़ा योगदान माना जा रहा है। तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण विजेता चेक गणराज्य के ज़ेलेज़नी को हाल ही में नीरज का कोच नियुक्त किया गया था, जिन्होंने डॉ. क्लाउस बार्टोनिएट्ज़ की जगह ली थी। ज़ेलेज़नी के मार्गदर्शन में यह नीरज की पहली बड़ी प्रतियोगिता थी — और परिणाम सामने है।

प्रतिस्पर्धी मैदान में दमदार प्रदर्शन

दोहा की ट्रैक पर नीरज के सामने मुकाबला आसान नहीं था। विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स (ग्रेनेडा), चेक गणराज्य के याकुब वाडलेच, जर्मनी के जूलियन वेबर और मैक्स डेह्निंग, केन्या के जूलियस येगो और जापान के रोडेरिक डीन जैसे विश्व स्तरीय भाला फेंक खिलाड़ी प्रतियोगिता में थे। लेकिन नीरज ने तीसरे प्रयास में बाजी मार ली।

जैसे ही उनका भाला दोहा की रात में हवा चीरता हुआ 90.23 मीटर पर जा गिरा, मैदान से लेकर सोशल मीडिया तक एक साथ जश्न शुरू हो गया। यह न केवल भारत के लिए, बल्कि एथलेटिक्स जगत के लिए भी एक ऐतिहासिक पल बन गया।

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