रामायण में अलग अलग किरदार निभाया था इन दो कलाकारों ने
दिव्यांश यादव
नई दिल्ली: आजकल सोशल मीडिया पर आपको असलम खान के रामायण में निभाएं गए अलग अलग किरदारो के बारे में लगातार जानकारियां मिल रही होंगी, हम इसे आप सभी की पारखी नजर का कमाल ही कहेंगे की आपने असलम खान को कभी समुद्र देव के किरदार में, कभी वानर सेना में और यहां तक की रावण की सेना में राक्षस भी बनते देखा होगा। असलम खान की चर्चा इस समय हर तरफ है और शायद कई लोग गूगल पर लगातार उनके बारे में खोज भी कर रहें हैं लेकिन आज हम असलम खान के आलावा एक ऐसे व्यक्ति से परिचय कराना चाहते हैं जिन्होंने उन किरदारों में जान डाल दी, जिसे उन्होंने निभाया।
हम भगवान शिव का किरदार निभाने वाले विजय कविश के बारे में बात कर रहें हैं क्योंकि शायद आपने ध्यान दिया हो कि इस बीच उन्होंने मंदोदरी के पिता का किरदार या रावण के श्वसुर मय दानव का भी किरदार निभाया था। यह किरदार भी छोटा ही है और केवल युद्ध प्रसंग में मंदोदरी और रावण के साथ बातचीत करते दिखता है।
विजय कविश ने हालांकि शिव के किरदार से अपनी पहचान बनाई थी परन्तु उत्तर रामायण में उनके द्वारा निभाएं गए महर्षि वाल्मिकी के किरदार में उन्हें प्रसिद्धि दिलाई, क्योंकि पूरे उत्तर रामायण का केंद्र महर्षि वाल्मिकी जी को कह सकते हैं, क्योंकि उनके ही आश्रम में सीता जी ने शरण लिया, और वहीं लव-कुश का जन्म होता है।
आपने ध्यान से देखा होगा तो आपने एक बात गौर की होगी कि कुछ ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होने कई किरदारों को एक साथ जीवंत किया हो, असलम खान जी और विजय कविश इसके उदाहरण हैं परन्तु कहा जाता है कि उस समय किरदारों के लिए अलग अलग व्यक्ति का चयन करना मुश्किल था और बजट का भी ध्यान रखा गया। कहा तो ये भी जाता है कि जब भी रामायण के निर्माण में लोगों की जरूरत होती थी तो गांवों में ढोल नगाड़े बजाकर लोगों को बुलाया जाता था।