राहुल गांधी के बयान से आया महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल
न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते प्रकोप से पूरी दुनिया सहम गयी है और अब भारत में भी कोरोना के आंकड़े डराने वाले हैं। यहां कोरोना के नाम पर राजनीति भी जमकर चल रही है। कभी प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के नाम पर राजनीति की गयी तो कभी बस ट्रेन के नाम पर बड़े-बड़े राज्य, बड़े-बड़े नेता आमने सामने आए।
लेकिन अब राजनीति का नया अड्डा विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट यानी महाराष्ट्र बन गया है। इसमें कोई संशय नहीं की महाराष्ट्र में कोरोना अब क़हर बरपा रही है लेकिन कोरोना संकट में यहां सरकार को लेकर भी कोहराम मचा हुआ है। इसी हलचल के बीच राहुल गाँधी के एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।
कोरोना के 37 फीसद से ज्यादा मामले अकेले महाराष्ट्र में है। महाराष्ट्र की विपक्ष यानि बीजेपी इस हालत के लिए जिम्मेवार सरकार को ठहराती है जिससे महाराष्ट्र में सियासी उठापटक का आसार एक बार फिर मंडराने लगा है।
ताजा हालत पर नज़र दे तो ये सरकार की फेर-बदल की तरफ ही इशारा करता है । ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मंगलवार को एनसीपी चीफ़ शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने पहली बार मातोश्री पहुंचे थे और अब राहुल गाँधी का बयान भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है। राहुल गाँधी ने अपने बयान में कहा कि महाराष्ट्र में जो भी फैसले लिए जा रहें हैं उसमे हमारी प्रमुख भागीदारी नहीं है। हालांकि हम सरकार में जरूर है लेकिन सरकार चलाने और सरकार को समर्थन देने में फ़र्क है।
राहुल गांघी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि महाराष्ट्र की सरकार में वो सरकार को समर्थन कर है। वहां बड़े फैसले लेने में उनका कोई हाथ नहीं है। यह कहते ही राहुल गाँधी ने सरकार की एकजुटता पर कई सवाल खड़े कर दिए। राहुल गाँधी ने आगे कहा कि अन्य राज्यों में जहां उनकी सरकार है वहां वो और उनकी सरकार डिसीजन मेकर का काम करती है।
हालांकि इस पेंच की एक और कड़ी सामने आयी जिसमे महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ और सरकार में मंत्री बालासाहब थोराट का बयान राहुल गाँधी से बिलकुल उलट है। उन्होंने कह कि सभी तीन पार्टियाँ की मीटिंग हर हफ्ते जारी है जिसमें ये तमाम फैसले लिए गए है। थोराट का यह बयान राहुल गाँधी की बातों से बिलकुल अलग है जो कह रहे थे की महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन देती है। थोराट का ये बयान कई सवालों को जन्म देता है।
इस हलचल के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भी सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा महाराष्ट्र सरकार केंद्र से मिली पैसे को खर्च क्यों नहीं कर रही है। महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता क्या है? उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की कोशिश कोई नहीं कर कर रहा है बल्कि उनके बोझ के कारण ये सरकार खुद ही गिर जाएगी।
फ़िलहाल महाराष्ट्र सरकार के सामने कोरोना संकट के साथ साथ सरकार बचाने की भी चुनैती सामने है जिसे गिरने से बचाने के लिए तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक चल रही है। हालाँकि महाराष्ट्र में अगर सरकार गिरती है तो बीजेपी सरकार बनाने की तैयारी भी कर चुकी है इस बातों का जिक्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस कर चुके है। अब देखना दिलचस्प होगा की कोरोना काल में महाराष्ट्र सरकार अपनी साख कहां तक बचा सकती है।