मानसिक रूप से कितना स्वस्थ है आपका बच्चा, जाने इन बातों से

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: आज के दौर में पेरेंट्स बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति तो जागरूक रहते हैं, लेकिन बच्चों के मानसिक विकास की बातों को नज़रन्दाज कर जाते हैं, जबकि आज के समय में बड़ों के साथ बच्चों के भी मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद आवश्यक होता है।

कहा गया है कि जब आप मानसिक रूप से स्वस्थ होते हो, तब आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य महसूस करते हैं। बड़ों के साथ होने वाली समस्याएं बच्चों की समस्यों से भिन्न होती है, इसीलिए ये जानना बहुत जरुरी हो जाता है कि बच्चों की समस्याएं क्या है? अगर बच्चा गुमसुम रहने लगा है तो ये पेरेंट्स को देखना चाहिए कि उसके चुप रहने का राज क्या है? अक्सर पेरेंट्स इन छोटी छोटी बातों को नज़रंदाज़ कर जाते हैं, और बच्चा उनका अवसाद या डिप्रेशन में चला जाता है।

आइये जानते हैं क्या है बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी के संकेतों के बारे में…

एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भाग लेना
बच्चा जब मानसिक और शारीरिक रूप से हेल्दी होता है तो वो ज्यादातर एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भाग लेता है। पेंटिंग बनाना, गाने गाना या फिर आउटडोर स्पोर्ट्स में भाग लेना। वो खुद से बहुत सारी चीजों को मन से करता है और उसमें एक अलग प्रकार की उर्जा होती है। अपनी इस ऊर्जा को वो नई-नई चीजें सीखने में लगाता है। लेकिन अच्चानक से अगर बच्चा ये सब करना बंद कर दे तो पेरेंट्स को ध्यान देना चाहिए, और बच्चा से बात करनी चाहिए कि आखिर उसे अब एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में मन क्यों नहीं लग रहा। ये मेंटल हेल्थ से रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकती है।

बातचीत का तरीका या फिर भावनाओं को शेयर करना

अगर आपका बच्चा अचानक से अपनी बातचीत का तरीका बदल रहा है तो ये आपके लिए परेशानी हो सकती है।  मानसिक रूप से स्वस्थ बच्चा बहुत वोकल होते हैं, वो सभी बातें अपने पेरेंट्स से शेयर करते हैं। अगर आपका बच्चा आपसे पहले सभी बातें शेयर करता था लेकिन अब नहीं कर रहा तो आप संभल जाएँ। ये एक संकेत है कि बच्चा के मन में कुछ चल रहा है और वो मानसिक रूप से परेशान है।

बच्चों का अच्छे से खाना
खाना एक बहुत बड़ा संकेत है कि आपका बच्चा ठीक है कि नहीं। अगर आपका बच्चा खाना रूचि लेकर खाता है, तो इसका मतलब है कि वो मन से भी खुश है। इसके साथ ही आपको उन्हें ताजे फलों और सब्जियों से भरपूर एक संतुलित आहार प्रदान करना चाहिए। ये आपके बच्चे को हेल्दी रखने में मदद करता है। साथ ही हेल्दी पोषण से उनके दिमाग को भी पोषण मिलता है।

दोस्त बनाना

अगर आपका बच्चा ज्यादा दोस्त बना रहा है या स्कूल में सभी से बातें कर रहा है, तो यकीं मानिए आपका बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ है। कोई भी इंसान जो मानसिक रूप से हेल्दी होता है वो दोस्तों और परिवार के साथ बहुत सक्रिय रहते है। आपने कई बार कुछ बच्चों को ग्रुप में बहुत सक्रिय रहते हुए देखा होगा। ऐसे ही अगर आपका बच्चा मानसिक रूप से हेल्दी है, तो वो हर प्रकार की गतिविधियों में सक्रिय जरूर नजर आता है।

बदमाशियां करना, केयर करना
बच्चे और बदमाशी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। अगर आपका बच्चा पूरी तरह से खुश और स्वस्थ है, तो शरारतें भी पूरे मन से करेगा।  साथ ही साथ आपने भाई-बहनों की भी केयर करेगा। मानसिक रूप से स्वस्थ बच्चा हर किसी से जुड़ा हुआ महसूस करता है। शरारत में भी उसकी दिमागदारी नजर आएगी। ऐसे बच्चे शांति रहते हुए भी कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते रहते हैं।

वैसे तो मानसिक रूप से स्वस्थ रहें के लिए बहुत सारी चीजों की जरुरत होती है, लेकिन अगर ये सारे गुण आपके बच्चे में हैं तो आपका बच्चा मानसिक तौर पर स्वस्थ है। वहीं अगर आपको इन में से किसी में भी कमी दिखे, तो आपको इन कमी को पूरा करने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए जिस से आपका बच्चा स्वस्थ रहे।

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