छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने एक महीने के संघर्षविराम का किया ऐलान, सरकार से बातचीत की जताई इच्छा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा संकेत देते हुए, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने 17 अप्रैल को एक सार्वजनिक बयान जारी कर एक महीने के संघर्षविराम (सीज़फायर) की घोषणा की है। यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की शांति वार्ता की पहल के जवाब में आया है।
इससे पहले 8 अप्रैल को माओवादियों की ओर से पहला शांति प्रस्ताव पत्र जारी किया गया था, जो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की 11 अप्रैल को दंतेवाड़ा यात्रा से ठीक पहले आया था। अपने दौरे के दौरान शाह ने जहां नक्सलवाद के खिलाफ सख्त रुख दोहराया, वहीं माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की थी।
शांति के लिए माओवादियों की अपील
नवीनतम बयान में माओवादियों ने कहा कि वे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की वार्ता की पहल की “सराहना” करते हैं और बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार और माओवादी दोनों पक्षों को एक महीने तक सभी प्रकार के सशस्त्र अभियानों को रोक देना चाहिए ताकि वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण बन सके।
“हिंसा समाधान का रास्ता नहीं है। हमें मिलकर एक स्थायी हल निकालना होगा,” माओवादियों के बयान में कहा गया। उन्होंने सरकार से यह भी अपील की कि जिन इलाकों को बातचीत के लिए चिह्नित किया गया है, वहां सुरक्षा बल हस्तक्षेप न करें।
सुरक्षा अभियानों की आलोचना
बयान में कांकेर, बीजापुर और सुकमा जैसे जिलों में जारी सुरक्षा अभियानों की आलोचना की गई है। माओवादियों ने आरोप लगाया कि शांति प्रस्ताव के बावजूद इन जिलों में 12 और 16 अप्रैल को आदिवासी नागरिकों की हत्या की घटनाएं हुईं, जो शांति प्रक्रिया की भावना के खिलाफ हैं। माओवादी संगठन ने एक संयुक्त प्रतिनिधि समिति गठित करने की भी मांग की है, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी और माओवादी प्रतिनिधि शामिल हों। यह समिति आगे की बातचीत को दिशा देगी।
आत्मसमर्पण की बढ़ती लहर
सरकार की ‘नक्सल सरेंडर रिहैबिलिटेशन पॉलिसी 2025’ और ‘नियाड़ नेल्ला नर’ पहल के तहत 18 अप्रैल को सुकमा में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 4 पर 5 से 8 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की ओर से ₹50,000 नकद, कपड़े और अन्य जरूरी सहायता प्रदान की गई।
इससे पहले 30 मार्च को बीजापुर में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 14 पर कुल ₹68 लाख का इनाम था। यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छत्तीसगढ़ यात्रा से पहले हुआ।
सरकार का संकल्प: 2026 तक नक्सलवाद का अंत
गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अप्रैल को बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन अवसर पर कहा था कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जो गांव नक्सलमुक्त घोषित होंगे, उन्हें ₹1 करोड़ का विकास निधि पुरस्कार मिलेगा।