एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नन्द लाल शर्मा ने आईबीएन, नेपाल सरकार के साथ 669 मेगावाट लोअर अरुण एचईपी के लिए पीडीए पर हस्ताक्षर किए

Shri Nand Lal Sharma, CMD, SJVN signs PDA with IBN, Government of Nepal for 669 MW Lower Arun HEPचिरौरी न्यूज

शिमला: भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल की गरिमामयी उपस्थिति में नेपाल में 669 मेगावाट लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना के परियोजना विकास समझौते (पीडीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नन्‍द लाल शर्मा और नेपाल निवेश बोर्ड, नेपाल सरकार के सीईओ श्री सुशील भट्टा ने पीडीए पर आज नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना को 7 से 8 वर्षों के भीतर निष्‍पादित कर एक मॉडल हाइड्रो परियोजना बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, एसजेवीएन द्वारा इस परियोजना की डीपीआर रिकॉर्ड समय में तैयार की गई है और दोनों सरकारों द्वारा इसे अब तक की सबसे न्‍यूनतम अवधि में मंजूरी दी गई है।

श्री नन्द लाल शर्मा ने भारत के प्रधान मंत्री, श्री नरेन्‍द्र मोदी का निरंतर मार्गदर्शन और आशीर्वाद के लिए और विकास भागीदार के रूप में एसजेवीएन में विश्वास दिखाने के लिए नेपाल के प्रधान मंत्री, श्री पुष्प कमल दहल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय का  परियोजना के आवश्यक तकनीकी-आर्थिक अनुमोदन में तेजी लाने के लिए प्रदान किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

श्री शर्मा ने कहा “ यह परियोजना 900 मेगावाट अरुण-3 एचईपी, जोकि निर्माण के अग्रिम चरण में है, के बाद नेपाल में हमारा दूसरा बड़ा निवेश है। अब, हमारा लक्ष्य भारत सरकार से निवेश अनुमोदन प्राप्त करने के बाद इसी  वित्त वर्ष में परियोजना का निर्माण शुरू करना है।”

श्री नन्द लाल शर्मा ने मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि परियोजना का निर्माण पांच साल में 5792 करोड़ रुपये की लागत से 4.99 रुपये प्रति यूनिट के समानीकृत टैरिफ के साथ किया जाएगा। परियोजना बीओओटी के आधार पर विकसित की जाएगी और कमीशनिंग उपरांत यह परियोजना सालाना 2901 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्‍पादन करेगी। इसके अलावा, एसजेवीएन विद्युत निकासी और भारत को निर्यात करने के लिए 217 किलोमीटर लंबा संबद्ध ट्रांसमिशन नेटवर्क भी विकसित कर रहा है।

669 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना नेपाल के संखुवासभा और भोजपुर जिलों में स्थित है। एसजेवीएन ने फरवरी 2021 में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से परियोजना हासिल की थी और जुलाई 2021 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। 900 मेगावाट अरुण 3 एचईपी की टेल रेस निर्माण होने के परिप्रेक्ष में इस परियोजना में कोई जलाशय या बांध नहीं होगा और अरुण-3 परियोजना के साथ टेण्‍डम ऑपरेटिंग सिस्‍टम के  रूप से प्रचालन करेगी। एसजेवीएन पहले से ही हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े भूमिगत 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन का 412 मेगावाट रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन के साथ टेण्‍डम में संचालन कर रहा है।

एसजेवीएन नेपाल के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक प्रमुख भागीदार और भरोसेमंद निवेशक है। एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण पर इन जलविद्युत परियोजनाओं का आबंटन  दोनों देशों के लिए एक पारस्परिक रूप से लाभकारी प्रयास है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप भारत और नेपाल की आर्थिक उन्‍नति  होगी।

वर्तमान में एसजेवीएन नेपाल में 2059 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं का निष्पादन कर रहा है। 900 मेगावाट अरुण-3 एचईपी का निर्माण के अग्रिम चरण में है और 490 मेगावाट, अरुण-4 एचईपी एसजेवीएन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण द्वारा संयुक्त उद्यम मोड में विकसित किया जाएगा। एसजेवीएन ने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट परियोजनाओं का लक्ष्य रखा है।

 

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