कामगारों की सामाजिक सुरक्षा को प्रदर्शित करती है इसबार की श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की झांकी
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की इस वर्ष की झांकी को ‘श्रम रथ’ नाम दिया गया है, जिस पर संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने और जीवन स्तर को और बेहतर करने के उद्देश्य से हाल में किए गए श्रम सुधारों को प्रदर्शित किया गया है। इस झांकी का निर्माण ‘मेहनत को सम्मान, अधिकार एक समान’ थीम पर किया गया है। जिसका अर्थ है कठिन परिश्रम करने वालों को सम्मान मिले और समानता का अधिकार मिले। इस झांकी में श्रम सुधारों के माध्यम से कामगारों के सशक्तिकरण और उनकी सामाजिक सुरक्षा को प्रदर्शित किया गया है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इससे झांकी को निलंबित किए जाने की रूपरेखा कामगारों के समग्र विकास और समग्र सुरक्षा के उत्सव पर आधारित है। झांकी के अग्रभाग में एक आत्म विश्वासी एवं सशक्त कामगार को दिखाया गया है जिसके हाथों में एक औजार है और जो पथ प्रदर्शन कर रहा है। कामगार के सिर पर पीले रंग की टोपी कामगारों के लिए श्रम सुधारों के माध्यम से उपलब्ध कराए गए सामाजिक सुरक्षा, पारिश्रमिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा का प्रतीक है।
श्रम सुधारों का सभी प्रकार के कामगारों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा इसे दर्शाने के लिए ‘श्रम रथ’ के मध्य भाग में विभिन्न क्षेत्रों के कामगारों को प्रदर्शित किया गया है। मध्य भाग में ही एक मोबाइल ऐप के माध्यम से कामगारों के लिए चिकित्सा और वित्तीय सुरक्षा को भी प्रदर्शित किया गया है जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण डीबीटी की सुविधाओं और चिकित्सकीय सहायता से जुड़े सुझाव को प्रदर्शित करता है, जिसमें यह संदेश लिखा है ‘स्वस्थ श्रमिक-स्वस्थ भारत’। झांकी के पिछले हिस्से में एक बड़े पीले रंग के हेलमेट को प्रदर्शित किया गया है, जो कामगारों की सुरक्षा को प्रदर्शित करता है और कामगार आश्रय पाते हैं। इसके पहिए सामाजिक सुरक्षा और स्वच्छ कार्य वातावरण के संदेश देते हैं जो अब चौबीसों घंटे उपलब्ध है।
गणतंत्र दिवस परेड में श्रम मंत्रालय की झांकी को शामिल किए जाने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह श्रम कानून मंत्रालय के अनथक प्रयासों और हमारे समर्पित वरिष्ठ अधिकारियों के निरंतर किए गए कार्यों के उपरांत संभव हुआ है और इन्हें बहुत सावधानी पूर्वक तैयार किया गया है ताकि श्रमिक और रोजगार प्रदाता दोनों के हितों के बीच संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां यह श्रम सुधार कामगारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं वहीं दूसरी ओर निवेश को बढ़ावा देने और देश की आर्थिक रफ्तार को गति देने में भी मददगार होंगे।